उत्तर प्रदेश के हाथरस में भगदड़ मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट जाने को कहा है। बता दें कि दो जुलाई को यूपी के हाथरस में सत्संग के दौरान भगदड़ मचने से 120 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी।
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अनुच्छेद 32 के तहत सीधे सुप्रीम कोर्ट क्यों आ गए – CJI
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट जाने को कहा है। इस दौरान चीफ जस्टिस ने याचिकाकर्ता से पूछा कि आप अनुच्छेद 32 के तहत सीधे सुप्रीम कोर्ट क्यों आ गए, आपको हाईकोर्ट जाना चाहिए था।
याचिका में रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में कमेटी बनाए जाने की मांग
याचिका में 2 जुलाई को हाथरस मामले की जांच की मांग करते हुए घटना के लिए जिम्मेदार लोगों और अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई किए जाने की मांग की गई थी। याचिका में इस घटना की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में पांच सदस्यों की कमेटी बनाए जाने की मांग करते हुए यूपी सरकार से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने की मांग की गई थी।
हाथरस में सत्संग के दौरान मची भगदड़ में 120 से ज्यादा की हुई थी मौत
बता दें कि 2 जुलाई को उत्तर प्रदेश के हाथरस में भोले बाबा उर्फ सूरजपाल के सत्संग के दौरान मची भगदड़ में 120 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में हाथरस पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धाराओं में FIR दर्ज की है।
SIT ने सौंपी थी 300 पन्नों की रिपोर्ट
इस मामले में SIT ने करीब 300 पेज की रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें 119 लोगों के बयान लिए गए थे। SIT ने डीएम हाथरस आशीष कुमार और एसपी निपुण अग्रवाल से लेकर सत्संग की अनुमति देने वाले एसडीएम और सीओ सिकंदराराऊ के अलावा सत्संग की ड्यूटी में लगे पुलिसकर्मियों के बयान भी दर्ज किए थे। इसके अलावा मृतकों के परिजनों और घायलों के भी बयान लिए गए थे।