Lucknow News- बताते चलें, कि आज तड़के सुबह उन्नाव में आगरा एक्सप्रेस-वे पर सड़क हादसा हो गया था। जिसमें प्राइवेट बस में सवार 18 यात्रियों की मौत हो गई और 30 से ज्यादा लोग बुरी तरह से घायल हुए थे। हादसे का कारण डग्गामार बस बताई जा रही है। जांच-पड़ताल में पता चला है, कि बस की फिटनेस, टैक्स और रूट परमिट कुछ भी नहीं था। इसके बाद भी यह बस रोज बिहार से दिल्ली के बीच लगभग 1100 से 1200 किलोमीटर की सफर कर रही थी। अब परिवहन अधिकारियों पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। 16 आरटीओ अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है।
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बिहार से दिल्ली के बीच कुल 16 आरटीओ कार्यालय
मिली जानकारी के अनुसार बिहार से दिल्ली के बीच संचालित हो रही डग्गामार बस जब यूपी में प्रवेश करती है, तो दिल्ली तक कुल 16 आरटीओ कार्यालय पड़ते हैं। उसके बाद भी अनफिट बस यूपी 95 टी 4720 रोजाना इस रूट पर धड़ल्ले से चलाई जा रही थी। हर रोज प्रवर्तन कार्रवाई का दम भरने वाले परिवहन विभाग के अधिकारी भी इस हादसे में कम दोषी नहीं हैं। अगर चेकिंग के दौरान इस बस पर एक्शन लिया जाता तो, शायद इस हादसे में मरने वालों की जान बच सकती थी। बस की फिटनेस जनवरी 2021 में खत्म हो चुकी थी। बस का टैक्स 30 नवंबर 2023 तक ही जमा था, जबकि बीमा भी इसी साल 2 फरवरी को खत्म हो चुका है और परमिट भी 15 अप्रैल को खत्म हो गया।
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बस के कागजों में दर्ज पता भी फर्जी
एआरटीओ व पुलिस की जांच में पता चला है, कि बस के कागजों में दर्ज पता भी फर्जी है। बस महोबा के रहने वाले एक किसान के नाम रजिस्टर्ड है। जांच में पता चला है, कि बस का रजिस्ट्रेशन मेसर्स के सी जैन ट्रैवेल्स नाम की फर्म से हुआ है। किसान पुष्पेंद्र सिंह कहना है, कि उसके नाम से कोई भी बस रजिस्टर्ड नही है। बस खरीदने के लिए उनके पास पैसे ही नही हैं।