प्रयागराज- यूपी के हाथरस में सत्संग के दौरान हुई भगदड़ में मौतों के बाद देशभर में स्वयंभू संतों और आचार्यों को लेकर बहस छिड़ गई है। इस संदर्भ में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद, जो देश में अखाड़ों का प्रतिनिधित्व करने वाली सर्वोच्च संस्था है, उसमें भी स्वयंभू संतों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी शुरू की है। परिषद ने घोषणा की है कि वे कुंभ मेले में ऐसे संतों और आचार्यों के प्रवेश पर रोक लगाने के लिए मेला प्रशासन से मांग करेंगे।
18 जुलाई को होगी महत्वपूर्ण बैठक-
अखाड़ा परिषद और मेला प्रशासन के बीच 18 जुलाई को एक महत्वपूर्ण बैठक होगी। इसके बाद उसी दिन अखाड़ा परिषद की अपनी बैठक भी आयोजित की जाएगी। इन दोनों बैठकों में स्वयंभू संतों का मुद्दा प्रमुखता से उठाया जाएगा। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने बताया कि देश में खुद को ईश्वर बताने वाले स्वयंभू संतों की बड़ी संख्या है, जो सनातन धर्म के लिए हानिकारक हैं। उन्होंने कहा, कि यदि ये स्वयंभू संत कुंभ मेले में आते हैं, तो यहां का माहौल खराब हो सकता है। इसलिए इनके प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की मांग की जाएगी।
फर्जी बाबाओं की लिस्ट तैयार-
महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि अखाड़ा परिषद द्वारा फर्जी संतों की लिस्ट तैयार की जा रही है। अखाड़ा परिषद की बैठक में चर्चा के बाद यह लिस्ट जारी की जाएगी और लोगों को आगाह किया जाएगा। उन्होंने कहा, “ऐसे लोग गृहस्थ होकर धर्म के नाम पर कारोबार करते हैं और दान लेते हैं। मेले में अलग-अलग परंपरा के मानने वाले संत पहुंचते हैं, लेकिन कोई खुद को भगवान या देवता घोषित नहीं करता। इसलिए जो स्वयंभू संत खुद को भगवान या देवता घोषित करते हैं, उनके प्रवेश पर रोक लगाना आवश्यक है।
कुंभ से पहले नई लिस्ट होगी जारी-
महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि 18 जुलाई को होने वाली बैठक में शामिल होने के लिए देशभर से परिषद के पदाधिकारी और संत-महंत 17 जुलाई को संगम नगरी पहुंच जाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि अखाड़ा परिषद 2019 कुंभ से पहले भी ऐसे बाबाओं की सूची जारी कर चुका है और इस बार भी एक नई लिस्ट जारी की जाएगी।
कुंभ मेले के लिए संतों के आवेदन शुरू-
कुंभ मेले में भूमि और सुविधाओं के लिए संतों के आवेदन आने शुरू हो गए हैं। अगले महीने आवेदन के लिए ऑनलाइन पोर्टल खुल जाएगा। हाथरस कांड के बाद अखाड़ा परिषद भी धर्म के नाम पर पाखंड करने वाले बाबाओं के खिलाफ सक्रिय हो गया है। सूत्रों के अनुसार अखाड़ा परिषद ने श्रीमहंतों के जरिए ऐसे स्वयंभू संतों की जानकारी जुटानी शुरू कर दी है, जिससे प्रयागराज मेला प्राधिकरण के साथ होने वाली बैठक में ऐसे संतों के मेले में प्रवेश पर रोक की मांग को प्रमुखता से रखा जा सके।
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