लखनऊ: हाथरस हादसे में 121 लोगों की जान जाने के बाद, सरकार ने मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था। एसआईटी ने अपनी जांच शासन को सौंप दी है। जिसमें सूरजपाल जाटव उर्फ भोले बाबा को क्लीनचिट दी गई है। जिसको लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने यूपी सरकार पर निशाना साधा है। मायावती ने एसआईटी की जांच को राजनीति से प्रेरित बताया है। साथ ही भोले बाबा के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की मांग की है।
इसको लेकर मायावती ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से 2 पोस्ट की हैं। उन्होंने अपनी पहली पोस्ट में लिखा कि ‘यूपी के ज़िला हाथरस में सत्संग भगदड़ कांड में हुई 121 निर्दोष महिलाओं व बच्चों आदि की दर्दनाक मौत सरकारी लापरवाही का जीता-जागता प्रमाण, किन्तु एसआईटी द्वारा सरकार को पेश रिपोर्ट घटना की गंभीरता के हिसाब से नहीं होकर राजनीति से प्रेरित ज्यादा लगती है, यह अति-दुःखद।’
वहीं, मायावती ने अपनी दूसरी पोस्ट में भोले बाबा पर कार्रवाई की मांग करते हुए कहा लिखा ‘इस अति-जानलेवा घटना के मुख्य आयोजक भोले बाबा की भूमिका के संबंध में एसआईटी की खामोशी भी लोगों में चिन्ताओं का कारण है। साथ ही, उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के बजाय उसे क्लीनचिट देने का प्रयास खासा चर्चा का विषय है। सरकार जरूर ध्यान दे ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृति न हो।’
2. इस अति-जानलेवा घटना के मुख्य आयोजक भोले बाबा की भूमिका के सम्बंध में एसआईटी की खामोशी भी लोगों में चिन्ताओं का कारण। साथ ही, उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के बजाय उसे क्लीनचिट देने का प्रयास खासा चर्चा का विषय। सरकार जरूर ध्यान दे ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृति न हो। 2/2
— Mayawati (@Mayawati) July 10, 2024
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SIT जांच में क्या कहा गया?
विशेष जांच दल (SIT) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सत्संग में 1.50 लाख से अधिक भीड़ उमड़ी थी। लेकिन, प्रशासन ने रस्सी के सहारे बैरिकेडिंग की थी। जब सत्संग समाप्त कर भोले बाबा वहां से निकले तो उन्हें करीब से देखने के लिए लोगों की भीड़ उनकी ओर भाग पड़ी। जिसके चलते भगदड़ मच गई और 121 लोगों की जान चली गई। एसआईटी ने अपनी जांच में यह कहा है कि अगर पुलिस और प्रशासन सही से व्यवस्था करता तो इतने लोगों की जान नहीं जाती। वहीं, विशेष जांच दल ने इस घटना में सूरज पाल जाटव उर्फ भोले बाबा को क्लीन चिट दे दी।