लखनऊ- केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, लखनऊ परिसर में पालि के अध्ययन, अध्यापन, प्रशिक्षण, अनुसन्धान तथा प्रचार-प्रसार के लिए एक नया आदर्श पालि शोध संस्थान स्थापित किया जाएगा। इस संस्थान का उद्देश्य पालि एवं बौद्ध साहित्य के क्षेत्र में विभिन्न सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स शुरू करना है, जिससे छात्रों को ‘पालि’ भाषा और साहित्य का गहन ज्ञान प्राप्त हो सके। 2009 से, विश्वविद्यालय के पालि अध्ययन केन्द्र में पालि त्रिपिटक साहित्य के अनुवाद और अनुसंधान का कार्य चल रहा है।
अब, नए आदर्श पालि शोध संस्थान की स्थापना के बाद, इस केंद्र का विस्तार करते हुए पालि और बौद्ध साहित्य से संबंधित अधिक विस्तृत कोर्स और अनुसंधान कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे। संस्थान में पालि सिखाने के लिए सरल पद्धति से ग्रन्थों का निर्माण किया जाएगा। ताकि छात्रों को आसानी से पालि भाषा का ज्ञान हो सके। इस दिशा में, ‘दस दिवसीय व्यावहारिक पालि शिक्षण कार्यशाला’ का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें पालि व्याकरण को दैनन्दिन व्यवहार में उपयोगी बनाने के तरीकों पर ध्यान दिया जाएगा। द्रीय शिक्षा मंत्रालय के अनुमोदन के बाद संस्थान की अधिसूचना जारी की जाएगी।
संस्थान के निदेशक प्रो. सर्वनारायण झा ने बताया कि संस्थान में निदेशक पद के साथ-साथ एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर और विभिन्न प्रशासनिक पदों पर भर्ती की प्रक्रिया चलायी जाएगी। इसके अलावा, विविध अस्थायी पदों पर भी चयन प्रक्रिया शुरू की जाएगी।बौद्धदर्शन एवं पालि विद्याशाखा के अध्यक्ष प्रो. राम नन्दन सिंह ने बताया कि संस्थान के माध्यम से ‘पालि साहित्य का बृहद् इतिहास’ लेखन की परियोजना चलाई जाएगी। पुनर्जागरण काल के बाद पालि भाषा एवं साहित्य के अभ्युत्थान के लिए प्रयास करने वाले महापुरुषों एवं विद्वानों के चरित्र पर आधारित शताधिक मोनोग्राफ निर्माण की योजना भी है।
स्थान के माध्यम से विशिष्ट पालि ग्रन्थों और जर्नल का प्रकाशन भी किया जाएगा। उन ग्रंथों का देवनागरीकरण और प्रकाशन किया जाएगा, जो वर्तमान में देवनागरी में उपलब्ध नहीं हैं। इस दिशा में महत्वपूर्ण कार्य करते हुए, संस्थान पालि व्याकरण और अन्य विषयों से संबंधित ग्रंथों का देवनागरीकरण और प्रकाशन करेगा। प्रो. झा ने कहा कि संस्थान का उद्देश्य भविष्य में और भी विस्तृत और व्यवस्थित रूप से पालि भाषा और साहित्य का प्रचार-प्रसार करना है।
इस दिशा में, संस्थान में अनेक परियोजनाएं और कार्यक्रम चलाए जाएंगे, जिससे पालि भाषा और साहित्य का अभ्युत्थान हो सके। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, लखनऊ परिसर में स्थापित होने वाला यह आदर्श पालि शोध संस्थान पालि भाषा और बौद्ध साहित्य के अध्ययन और अनुसंधान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
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