बलरामपुर- नेपाल राज्य से छोड़े गए पानी और जनपद में हो रही भारी बारिश के कारण राप्ती नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 58 सेंटीमीटर ऊपर बह रहा है। जिससे इलाके में बाढ़ की गंभीर स्थिति बनी हुई है। राष्ट्रीय राजमार्ग-730 के तुलसीपुर रोड पर 2 स्थानों पर पानी बह रहा है, जिससे छोटे वाहनों के आवागमन पर प्रशासन ने रोक लगा दी है। साथ ही प्रशासन द्वारा राहत एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर शुरू कराया गया है। बाढ़ के कारण लगभग 50 से अधिक तटवर्ती गांव प्रभावित हुए हैं। नदी तेजी से कटान कर रही है। बाढ़ का पानी गांवों में भरने से लोग छतों पर शरण लिए हुए हैं।
तेज बहाव के चलते तुलसीपुर-बलरामपुर, महाराजगंज तराई-ललिया और हरिहरगंज-ललिया सड़क मार्गों पर आवागमन बाधित है।बलरामपुर नगर के आसपास बाढ़ का पानी भरने लगा है और सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल तैनात किया गया है। तहसील सदर के ग्राम धुसाह के पास रात में तटबंध कट जाने के कारण धुसाव और नगर बलरामपुर में पानी भरने लगा। कर्मियों के घंटों मशक्कत के बाद तटबंध को सुरक्षित किया गया। सूचना मिलते ही मंडलायुक्त और DM ने मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की साथ ही अधिकारियों को बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए।
जनुकी, कटरा, बरायल और मटियरिया कर्मा गांव टापू में बदल गए हैं। रुस्तम नगर गांव का संपर्क तहसील मुख्यालय से कट गया है। बलरामपुर शहर के आसपास रंजीतपुर, डबकी, पियरा और बिजलीपुर गांव के निकट भी बाढ़ का पानी भर गया है। महाराजगंज तराई थाना क्षेत्र के बरगदही, चंदनजोत और साखीरेत गांव में भी राप्ती नदी की बाढ़ का पानी फैला है। बरगदही गांव के लोग छतों पर खाना पका रहे हैं और प्रशासन ने आवागमन के लिए नाव की व्यवस्था की है।
जिला आपदा विभाग के अनुसार, मंगलवार सुबह 9 बजे तक राप्ती नदी का जलस्तर 105.200 मीटर तक पहुंच गया, जो खतरे के निशान 104.620 मीटर से 58 सेंटीमीटर ऊपर है। आपदा प्रबंधन की टीम स्थिति पर नजर बनाए हुए है और राहत और बचाव कार्यों को तेजी से अंजाम दिया जा रहा है।
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