पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें कोलकाता हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में संदेशखाली में महिलाओं के यौन शोषण-जमीन कब्जाने और राशन घोटाले से जुड़े सभी मामलों में सीबीआई जांच का आदेश दिया था।
हाईकोर्ट द्वारा दिए CBI जांच के आदेश को चुनौती देने वाली ममता बनर्जी की याचिका पर जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने ममता सरकार के रवैये पर भी सवाल उठाए। कोर्ट ने कहा कि सरकार किसी शख्स को बचाने की कोशिश क्यों कर रही है।
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क्या है पूरा मामला ?
राशन घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय की टीम जब शाहजहां शेख को गिरफ्तार करने गई थी, तो वहां हजारों की भीड़ ने ईडी टीम पर हमला कर दिया था। घटना के करीब 55 दिन बाद शाहजहां शेख को गिरफ्तार किया गया। शाहजहां शेख पर हत्या, महिलाओं से यौन उत्पीड़न, जमीन हड़पने, ईडी टीम पर हमले कराने जैसे कई गंभीर आरोप हैं।
इस घटना के बाद भी संदेशखाली में CBI रेड करती रही। अप्रैल महीने में सीबीआई ने संदेशखाली में कई जगहों पर छापेमारी की थी। संदेशखाली मामले के मुख्य आरोपी शाहजहां शेख के करीबी अबु तालेब के दो ठिकानों पर सीबीआई की टीम ने छापा मारा था। इस दौरान भारी मात्रा में हथियारों का जखीरा बरामद किया गया था। सीबीआई ने आरोपी शाहजहां शेख के भाई शेख आलमगीर से भी पूछताछ की थी।
CBI कर रही जांच
कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले के बाद पश्चिम बंगाल पुलिस ने आरोपी शाहजहां शेख को सीबीआई को सौंप दिया था। शाहजहां शेख की कस्टडी के साथ-साथ ईडी पर हमले के केस को भी सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया गया था। सीबीआई इस पूरे मामले की जांच कर रही है।