दो जुलाई को हाथरस में सत्संग के दौरान मची भगदड़ के बाद पुलिस जांच पड़ताल में जुटी है। हाथरस कांड में अबतक 7 लोगों को पकड़ा गया है। इस मामले में मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर को शुक्रवार शाम को गिरफ्तार किया गया है। वहीं घटना के बाद से बाबा सूरजपाल का कोई अता-पता नहीं है।
दरअसल हाथरस मामले में चाहे बाबा हो या उनके समर्थक, इस घटना में सभी साजिश का अंदेशा जता रहे हैं और घटना में दोषियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। हाथरस की घटना के लिए ना तो बाबा अपने को दोषी मान रहे हैं और न ही बाबा के भक्त। बाबा के खिलाफ कोई प्रत्यक्ष साक्ष्य ना होने की वजह से उनके खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। हालांकि प्रशासन ने उनके सेवादारों पर जरूर शिकंजा कसा है।
बता दें कि भोले बाबा,,, जाटव समेत कई दलित जातियों के लोगों के बीच मसीहा बनकर उभरा है। भोले बाबा के ज्यादातर अनुयायी दलित हैं।
बाबा का खास है देव प्रकाश मधुकर
बता दें कि देव प्रकाश मधुकर ही हाथरस सत्संग कार्यक्रम का मुख्य आयोजक था। इसके साथ ही वो बाबा का भी खास था। हादसे के बाद बाबा ने उसी से फोन पर काफी देर तक बातचीत की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भगदड़ की घटना के बाद से देव प्रकाश मधुकर घर नहीं लौटा था। उसके परिवार के बाकी सदस्य भी लापता हैं। देव प्रकाश मधुकर के बारे में कहा जाता है कि वो एक समय जूनियर इंजीनियर के पद पर था, लेकिन बाद में बाबा सूरजपाल का भक्त बन गया।
न्यायिक जांच आयोग ने की लोगों से बातचीत
उधर, हाथरस कांड की जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने एक न्यायिक जांच आयोग का गठन किया है। इस दल ने रविवार को प्रत्यक्षदर्शियों और लोगों से बातचीत की है। इस दौरान 34 लोगों के बयान दर्ज किए गए। इसमें लोगों ने पर्याप्त इंतजाम ना होने की बात कही है।