वाराणसी- भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्य सभा सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने शनिवार शाम जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर आयोजित संगोष्ठी में उन्हें याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि डॉ. मुखर्जी ने अपना पूरा जीवन राष्ट्रवादी विचारधारा को मजबूत करने में समर्पित कर दिया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को हटाने और वहां जाने के लिए परमिट व्यवस्था के विरोध में मुखर्जी के योगदान पर प्रकाश डाला। सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि डॉ. मुखर्जी के संघर्ष को भाजपा ने आगे बढ़ाया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 5 अगस्त 2019 को धारा 370 को समाप्त कर दिया गया, जिससे एक निशान, एक विधान और एक प्रधान का नारा स्थापित हुआ।
उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में कई बार ऐसे मोड़ आते हैं, जो निर्णायक रूप से परिवर्तन लाते हैं। कश्मीर का मुद्दा भी ऐसा ही एक महत्वपूर्ण विषय था। स्वतंत्रता के बाद सभी रियासतों का विलय हो गया, लेकिन कश्मीर एक बड़ी चुनौती बन गया था। यह समस्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में ही सुलझी। डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि कश्मीर के तत्कालीन प्रधानमंत्री व जस्टिस मेहर चंद्र महाजन ने अपनी किताब ‘लुकिंग बैक’ में लिखा है कि कश्मीर भारत के लिए कितनी बड़ी चुनौती बन गया था।
यह सब शेख अब्दुल्ला के लिए पंडित नेहरू ने किया, जिससे श्याम प्रसाद मुखर्जी को बहुत कष्ट हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि डॉ. मुखर्जी की मृत्यु पर आज भी सवाल अनसुलझे हैं। प्रधानमंत्री मोदी के कथन का हवाला देते हुए, डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि आगामी 25 साल अमृत काल हैं और बीते 10 साल उषा काल हैं, जो विकसित भारत का निर्माण काल है। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग राम का सबूत मांगते थे, वे आज राम के स्थानों को बताते हुए भाजपा की हार की गिनती कर रहे हैं।
संगोष्ठी में राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार रविन्द्र जायसवाल, महापौर अशोक तिवारी, महानगर अध्यक्ष विद्यासागर राय, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्या, विधायक डॉ नीलकंठ तिवारी ,सौरभ श्रीवास्तव, विधान परिषद सदस्य धर्मेंद्र राय, पूर्व विधायक सुरेंद्र नारायण सिंह औढ़े, प्रदेश मंत्री शंकर गिरी, क्षेत्रीय मीडिया प्रभारी नवरतन राठी,शिवशरण पाठक,सह मीडिया प्रभारी संतोष सोलापुरकर, नवीन कपूर आदि उपस्थित रहें।
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