Varanasi News- काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं और पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है। पहले की अपेक्षा उससे भी कहीं ज्यादा संख्या में लोग आ रहे हैं। ऐसे में इन लोगों के ठहरने के लिए होटल, गेस्ट हाउस और लॉज की आवश्यकता होती है। मगर होटल, गेस्ट हाउस और लॉज की हालत ये है, कि फायर सेफ्टी के नियमों को दरकिनार किया जा रहा है। इन हालातों में दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है, जिससे श्रद्धालुओं और पर्यटकों की जान का खतरा बना रहता है।
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उत्तर प्रदेश में बनारस के विश्व प्रसिद्ध श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन के लिए पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। सालभर यहां लोगों का आना-जाना लगा रहता है। देश के अलावा विदेश से भी सैकड़ों पर्यटक पहुंचते हैं। आंकड़ों के मुताबिक विश्वनाथ मंदिर में इस वर्ष की पहली छमाही में पिछले वर्ष की तुलना में 24 प्रतिशत से ज्यादा दर्शनार्थियों का आना हुआ है। साथ ही 45% से ज्यादा चढ़ावे में इजाफा हुआ है। पर्यटकों की लगातार बढ़ रही संख्या के चलते वाराणसी के गली-कूचों और नुक्कड़ पर होटल, गेस्ट हाउस और लॉज खोले जा रहे हैं। बीते 3 वर्षों में की बात करें, तो इनकी संख्या में चार गुना से ज्यादा की वृद्धि हुई गई है। हालांकि, इन होटलों और गेस्ट हाउस में फायर सेफ्टी समेत तमाम सुरक्षा इंतजामों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिससे किसी भी तरह की दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है।
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मुख्य अग्निशमन अधिकारी आनंद सिंह राजपूत ने बताया, कि बनारस में हजारों की संख्या में होटल और गेस्ट हाउस संचालित हैं, लेकिन सिर्फ 250 होटल और गेस्ट हाउस मालिकों ने अग्निशमन विभाग का नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट ले रखा है। विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र के यलो जोन में 8 ऐसे गेस्ट हाउस हैं, जिनमें 7 बिना किसी लाइसेंस के चल रहे थे। कई ऐसे हैं, जहां पर फायर विभाग की बाइक भी नहीं पहुंच सकती। कैंट एरिया में 83 ऐसे होटल हैं, जहां अग्निशमन के मानकों की अनदेखी की जा रही है। उन्होंने बताया, कि हमने अभी तक 100 से ज्यादा होटल को चिन्हित करके उनके खिलाफ रिपोर्ट प्रशासन को भेजी है। जिसके बाद इन सारे होटल को सील किया जाएगा। 200 से ज्यादा होटल की बिजली कटवाने का काम किया गया है।
बताते चलें, कि 5 सितंबर 2023 और 18 अप्रैल 2023 में होटलों में दो बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं। जांच के बाद पता चला, कि इन होटलों के पास फायर फाइटिंग के लिए इक्विपमेंट नहीं थे।