नई दिल्ली- भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के लागू होने के बाद पुलिसकर्मियों को ‘ई प्रमाण एप’ का उपयोग साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए करना होगा। इस एप के माध्यम से वीडियो और अन्य साक्ष्य घटनास्थल से अपलोड किए जाएंगे। यह नए कानूनी प्रावधानों के साथ-साथ पुराने पुलिसकर्मियों के लिए एक चुनौतीपूर्ण कार्य भी है, अब ऐसे में पुराने पुलिसकर्मियों को इस एप का उपयोग करने में दिक्कतें आ रही है। जो सोशल मीडिया से बहुत दूर थे। भारतीय न्याय संहिता (BNS) में अब कुल 358 धाराएं हैं, जबकि पहले IPC में 511 धाराएं थीं।
इसमें 20 नए अपराध शामिल किए गए हैं, 33 अपराधों में सजा की अवधि बढ़ाई गई है। 23 अपराधों में अनिवार्य न्यूनतम सजा का प्रावधान है जबकि 83 अपराधों में जुर्माने की राशि बढ़ा दी गई है। इसी क्रम में 6 अपराधों में सामुदायिक सेवा का प्रावधान किया गया है। इस बीच करीब 19 धाराएं निरस्त कर दी गई हैं। इसी तरह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में कुल 531 धाराएं हैं। CRPC में 484 धाराएं थीं। BNSS में कुल 177 प्रावधान बदले गए हैं। इसमें 9 नई धाराओं के साथ-साथ 39 नई उप-धाराएं भी जोड़ी गई हैं। 44 नए प्रावधान और स्पष्टीकरण जोड़े गए हैं।
35 सेक्शन में समय-सीमा जोड़ी गई है और 35 सेक्शन पर ऑडियो-वीडियो प्रावधान जोड़ा गया है। इसमें करीब 14 धाराएं निरस्त कर दी गई हैं। इसी बीच भारतीय साक्ष्य अधिनियम में कुल 170 धाराएं हैं। जिसमें कुल 24 प्रावधान बदले गए हैं। 2 नई धाराएं और छह उप-धाराएं जोड़ी गई हैं। नए कानून में झपटमारी से जुड़े मामले में BNS की धारा 302 के तहत केस दर्ज होगा। पहले IPC में धारा 302 में हत्या से जुड़े मामले का प्रावधान था।
पहले- अपराध, IPC अब BNS-
हत्या के लिए पहले 302 अब 103
हत्या की कोशिश के लिए पहले 307 अब 109
गैर इरादतन हत्या के लिए पहले 304 अब 105
लापरवाही से मौत के लिए पहले 304ए अब 106
रेप और गैंगरेप के लिए पहले 376, 376डी अब 63, 64, 70
देश के खिलाफ युद्ध पहले 121, 121A अब 147, 148
छेड़छाड़ के लिए पहले 354 अब 74
दहेज हत्या के लिए पहले 304बी अब 80
दहेज प्रताड़ना के लिए पहले 498ए अब 85
चोरी के लिए पहले 379 अब 303
लूट के लिए पहले 392 अब 309
डकैती के लिए पहले 395 अब 310
धोखाधड़ी या ठगी के लिए पहले 420 अब 318
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार नए कानून भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 112 व 111 पुलिस के लिए अब हथियार की तरह काम करेंगी। पहले इलाके में लगातार चोरी, लूट, अवैध शराब की तस्करी झपटमारी के मामले में आरोपी जेल से छूट जाते थे। अब इन धाराओं के आने से बदमाशों पर अंकुश लगेगा।
BNS की धारा 112 संगठित अपराध के तहत दर्ज हो रही है। ऐसे में छोटे-मोटे गैंग पूरी तरह खत्म हो जायेंगे। इस धारा के लगने के बाद आरोपी का साथ देने वाले आरोपी के अलावा रिसीवर पर भी इसी धारा में केस दर्ज होगा।
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