नई दिल्ली- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2023-24 में रक्षा उत्पादन में अब तक की सबसे अधिक वृद्धि की सराहना की है, जो पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 16.8 प्रतिशत बढ़कर 1,26,887 करोड़ रुपए हो गई है। पिछले 5 वर्षों में देश का रक्षा उत्पादन का मूल्य 60 फीसदी से अधिक बढ़ा है। वित्त वर्ष 2022-23 में रक्षा उत्पादन का मूल्य 1,08,684 करोड़ रुपए था। प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की एक्स पोस्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए लिखा, “यह बहुत ही उत्साहजनक विकास है। इस उपलब्धि में योगदान देने वाले सभी लोगों को बधाई। हम अपनी क्षमताओं को बढ़ाने और भारत को एक अग्रणी वैश्विक रक्षा विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
यह हमारे सुरक्षा तंत्र को मजबूत करेगा और हमें आत्मनिर्भर बनाएगा। “रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इससे पहले एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम नित नई उपलब्धियां हासिल कर रहा है। उन्होंने लिखा, “भारत ने 2023-24 में रक्षा उत्पादन के मूल्य में अब तक की सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की है। उत्पादन का मूल्य 1,26,887 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है, जो पिछले वित्तीय वर्ष के उत्पादन मूल्य से 16.8 प्रतिशत अधिक है। रक्षा वस्तुओं का निर्माण करने वाले डीपीएसयू, अन्य पीएसयू और निजी उद्योग सहित हमारे उद्योग को बहुत-बहुत बधाई।
सरकार भारत को अग्रणी वैश्विक रक्षा विनिर्माण केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए अधिक अनुकूल व्यवस्था बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। “प्रधानमंत्री ने रक्षा उत्पादन में इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए सभी संबंधित लोगों को बधाई देते हुए इसे आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की वृद्धि से न केवल देश की सुरक्षा मजबूत होगी, बल्कि भारत वैश्विक रक्षा विनिर्माण में भी एक प्रमुख केंद्र बन सकेगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए पिछले 10 वर्षों के दौरान सरकार ने विभिन्न नीतिगत सुधार, पहल और व्यापार करने में आसानी से जुड़े कदम उठाए हैं, जिसके कारण यह उपलब्धि अर्जित हुई है।
इसके अलावा बढ़ते रक्षा निर्यात ने स्वदेशी रक्षा उत्पादन की समग्र वृद्धि में जबरदस्त योगदान दिया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान रक्षा निर्यात ने 21,083 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड ऊंचाई को छू लिया, जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 32.5 प्रतिशत की वृद्धि है। पिछले वर्ष यह आंकड़ा 15,920 करोड़ रुपए था। इस तरह पिछले 5 वर्षों के दौरान रक्षा उत्पादन का मूल्य लगातार बढ़ रहा है और इसमें 60 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है।
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