ब्रिटेन चुनाव के लिए शुक्रवार को वोटों की गिनती जारी है। शुुरुआती रुझानों में मुख्य विपक्षी लेबर पार्टी को प्रचंड जीत मिलती दिख रही है। चुनावी नतीजों को देखते हुए कीर स्टार्मर ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री होंगे। ऋषि सुनक ने अपनी हार स्वीकार कर ली है और उन्होंने स्टार्मर को जीत की बधाई दी है।
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बहुमत के लिए क्या है आंकड़ा ?
650 सांसदों वाले सदन (हाउस ऑफ कॉमन्स) में बहुमत की सरकार बनाने के लिए किसी पार्टी को 326 सीटों की आवश्यकता होती है। यही कारण है कि हार का संकेत मिलने के बाद प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने इस्तीफे का ऐलान कर दिया है। बता दें कि गुरुवार को ब्रिटेन में मतदान खत्म होते ही वोटों की गिनती शुरू हो गई थी।
कंजर्वेटिव पार्टी 14 सालों से सत्ता में काबिज
कंजर्वेटिव पार्टी पिछले 14 सालों से सत्ता में काबिज है। इस दौरान यूनाइटेड किंगडम ने 5 प्रधानमंत्रियों को देखा। साल 2010 में हुए आम चुनावों में कंजर्वेटिव पार्टी को मिली जीत के बाद डेविड कैमरन प्रधानमंत्री बने थे। इसके बाद 2015 के चुनाव में कंजर्वेटिव पार्टी को लगातार दूसरी बार जीत मिली और कैमरन फिर पीएम बने, लेकिन 2016 में उन्हें पद छोड़ना पड़ा था। उनकी जगह कंजर्वेटिव पार्टी ने टेरेसा मे को प्रधानमंत्री बनाया। वो 2019 तक इस पद पर रहीं। 2019 में बोरिस जॉनसन ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बने, फिर बीच में उन्हें पद छोड़ना पड़ा और लिज ट्रस प्रधानमंत्री बनीं, लेकिन वो सिर्फ 50 दिन ही पद पर रह सकीं। उनकी जगह ऋषि सुनक प्रधानमंत्री बने।
भारत के लिए ब्रिटेन चुनाव का कितना महत्व ?
भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापार को बढ़ावा देने के लिए दो साल से अधिक समय से प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर बातचीत चल रही है। लेबर पार्टी की इस जीत से दोनों देशों के बीच FTA पर चल रही वार्ता को लेकर कुछ बदलाव आ सकता है। बता दें कि कोविड महामारी और यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के कारण उत्पन्न संकट के बाद कई यूरोपीय देशों में हुए चुनाव में सत्ता परिवर्तन देखने को मिल रहा है।
यूनाटेड किंगडम में कितने देश हैं शामिल ?
इंग्लैंड, वेल्स, स्कॉटलैंड और उत्तरी आयरलैंड से मिलकर यूनाटेड किंगडम बनता है और आम चुनाव इन सभी देशों पर लागू होते हैं। UK में कुल 650 निर्वाचन क्षेत्र हैं, इनमें से 533 सीटें इंग्लैंड, 59 सीटें स्कॉटलैंड, 40 सीटें वेल्स और 18 सीटें उत्तरी आयरलैंड में पड़ती हैं। आपको ये भी बता दें कि UK के अंदर आने वाले प्रत्येक देश की अपनी सरकारें भी होती है और वहां भी चुनाव होते हैं।