सहारा ग्रुप पर संकट के बादल कम होते नहीं दिख रहे हैं। इसी कड़ी में बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय ने लखनऊ में सहारा इंडिया के ठिकानों पर दस्तक दी है। ईडी ने यहां सहारा इंडिया के कई ठिकानों पर चिटफंड घोटाले से जुड़े मामले में छापेमारी की कार्रवाई की है।
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कपूरथला स्थित दफ्तर पर ईडी का छापा
जानकारी के मुताबिक ईडी ने बुधवार की सुबह सहारा इंडिया के लखनऊ में कपूरथला स्थित दफ्तर समेत कई ठिकानों पर छापा मारा। इस दौरान दफ्तर परिसर का गेट बंद कर ईडी के अधिकारियों ने दस्तावेजों को खंगाला। छापेमारी की कार्रवाई में शामिल ईडी टीम के एक अधिकारी ने बताया कि ये कार्रवाई कोलकाता की चिटफंड कंपनी में घोटाले से जुड़ा है। कोलकाता की चिटफंड कंपनी के तार सहारा ग्रुप से जुड़े हैं। इसके पुख्ता साक्ष्यों को लेकर छापेमारी की कार्रवाई हुई है।
कैसे बनी सहारा इंडिया कंपनी
साल 1978 में सुब्रत रॉय ने सहारा इंडिया कंपनी की स्थापना की, जो केवल फाइनेंस सेक्टर में काम करती थी। समय के साथ-साथ सहारा इंडिया परिवार ने सफलता का स्वाद चखा और ये कंपनी धीरे-धीरे बाकी क्षेत्रों में भी काम करने लगी। सुब्रत रॉय ने सहारा की पहुंच मीडिया, एविएशन, रियल एस्टेट, हॉस्पिटैलिटी तक ला खड़ी की थी। एक समय ऐसा आया जब सहारा इंडिया देश की सबसे ज्यादा नौकरी देने वाली प्राइवेट सेक्टर कंपनियों की लिस्ट में शुमार हो गई थी।
2008 से शुरू हुए थे बुरे दिन
साल 2008 से 2014 के बीच कंपनी ने रियल एस्टेट में निवेश के नाम पर 3 करोड़ निवेशकों से 24,000 करोड़ रुपए जुटाए। सहारा ने साल 2009 में अपना आईपीओ लाने की कोशिश की और इसके लिए सेबी के पास दस्तावेज जमा कराए। सेबी ने जांच में कंपनी में कई खामियां पाईं और नियमों की अनदेखी के मामले में सहारा पर कुल 12000 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया था। सेबी ने सहारा पर बिना आईपीओ के बाजार से पैसे उठाने का आरोप लगाकर जुर्माना ठोका था। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा था।