लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधान परिषद की एक रिक्त पड़ी सीट पर भाजपा ने अपने उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है। बीजेपी ने पिछड़ा कार्ड खेलते हुए बहोरन लाल मौर्य को अपना प्रत्याशी बनाया है। यह सीट स्वामी प्रसाद मौर्य के त्याग पत्र देने के बाद खाली हुई थी। स्वामी प्रसाद मौर्य सपा की ओर से विधान परिषद पहुंचे थे।
लेकिन, अखिलेश यादव से उनका मतभेद हो गया था, जिसके चलते स्वामी प्रसाद मौर्य ने त्याग पत्र दे दिया था। हालांकि, सपा की ओर से इस उप चुनाव में कोई प्रत्याशी नहीं उतारा गया है, इससे भाजपा प्रत्याशी का निर्विरोध निर्वाचित होना लगभग तय माना जा रहा है।
सपा ने क्यों नहीं उतारा प्रत्याशी
सपा ने विधान परिषद के उप चुनाव में प्रत्याशी नहीं उतारा है। इसकी मुख्य वजह संख्या बल को बताया जा रहा है। वर्तमान में सपा के पास विधानसभा में 105 सीटें हैं। वहीं, भाजपा के पास 251 विधायक हैं। आज 2 जुलाई को नामांकन होगा। 12 जुलाई को मतदान होगा व इसी दिन शाम को ही 5 बजे मतगणना होगी। चूंकि सपा ने अभी तक अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है, तो ऐसे में यह लगभग तय है कि भाजपा प्रत्याशी सोबरन लाल मौर्य निर्विरोध निर्वाचित हो जाएंगे। ऐसी स्थिति में मतदान नहीं होगा।
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बहोरनलाल मौर्य का परिचय
बहोरन लाल मौर्य की गिनती भाजपा के बड़े नेता के रूप में होती है। वह बरेली की भोजीपुरा विधानसभा सीट से विधायक भी रह चुके हैं। साल 2022 में उन्हें भाजपा ने फिर से टिकट दिया था, लेकिन वह चुनाव जीतने में सफल नहीं रहे थे। उन्हें सपा के शहजिल इस्लाम ने चुनाव हराया था। माना जा रहा है कि भाजपा ने बहोरन लाल मोर्य को प्रत्याशी बना कर अखिलेश यादव के पीडीए फॉर्मूला का करारा जवाब दिया है।