केन्या में नए कर कानून के खिलाफ हो रहे देशव्यापी प्रदर्शन के दौरान पुलिस फायरिंग में अबतक 39 की मौत हुई है, जबकि 360 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सरकार और सुरक्षा एजेसिंयों की चेतावनी का यहां के नागरिकों पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। नागरिक नए सिरे से सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरने की योजना बना रहे हैं।
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केन्या नेशनल कमीशन ऑन ह्यूमन राइट्स की रिपोर्ट ने की पुष्टि
केन्या नेशनल कमीशन ऑन ह्यूमन राइट्स के मुताबिक केन्या में कर कानून के विरोध में हुए देशव्यापी प्रदर्शनों में 39 लोग मारे गए हैं और करीब 361 घायल हैं। इनके अलावा 32 लोग लापता बताए जा रहे हैं। वहीं प्रदर्शन के दौरान करीब 627 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उधर, बिगड़ती हुई कानून व्यवस्था से चिंतित केन्या के सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षाबलों को तैनात करने का आदेश दिया है।
दैनिक उपयोग की चीजों पर भारी-भरकम टैक्स के विरोध में प्रदर्शन
बता दें कि केन्या में मई महीने में फाइनेंस विधेयक 2024 पेश किया गया था। इसमें रोजमर्रा के उपयोग की चीजों पर भारी-भरकम टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया गया है। इस विधेयक को लेकर संसद में वोटिंग भी हुई। करीब 195 सांसदों में से 106 ने इसके पक्ष में वोटिंग की। इसकी भनक लगते ही सड़कों पर प्रदर्शन शुरू हो गया। भीड़ ने संसद में आग लगा दी। स्थिति संभालने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।
केन्या में रहते हैं करीब एक लाख भारतीय
उधर,, केन्या के राष्ट्रपति विलियम रूटो ने कहा है कि हिंसा और अराजकता के खिलाफ सख्त रुख अपनाया जाएगा। वहीं केन्या में जारी उपद्रव से भारत भी चिंतित है, क्योंकि केन्या में करीब एक लाख भारतीय रहते हैं। भारत ने केन्या में रहने वाले अपने नागरिकों के लिए एक एडवाइजरी भी जारी की थी।