बरेली की समरीन ने घर वापसी करते हुए सनातन धर्म अपना लिया है। मंदिर में अपने प्रेमी मित्रपाल से शादी रचाने के बाद समरीन अब सुमन बन गई है। समरीन उर्फ सुमन ने बरेली के अगस्त्य मुनि आश्रम में सात फेरे लिए।
इज्जत नगर के कुआं टांडा की रहने वाली समरीन उर्फ सुमन का कहना है कि उसे बुर्के में रहना पसंद नहीं था। कई रीति-रिवाज भी उसे पसंद नहीं थे। उसने कहा कि शुरू से ही मेरा हिंदू धर्म के प्रति झुकाव था और प्रेमी भी हिंदू था, इसलिए आखिर में उसी के साथ रहने का फैसला लिया। उसने अपने प्रेमी मित्रपाल के साथ आश्रम पहुंचकर हिंदू रीति-रिवाज से विवाह करके सनातन धर्म अपना लिया।
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कैसे हुई दोनों के बीच जान-पहचान ?
समरीन उर्फ सुमन के अनुसार, उसके पिता कपड़ों का काम करते हैं। दो साल पहले उसकी दोस्ती इज्जतनगर क्षेत्र के बरकापुर के रहने वाले मित्रपाल के साथ हुई थी। युवक के पड़ोस में समरीन की रिश्तेदारी थी, जहां वो एक शादी समारोह में शामिल होने गई थी। यहीं से उसकी जान पहचान मित्रपाल से हो गई। उसके बाद दोनों ने एक दूसरे का मोबाइल नंबर लिया और दोनों के बीच बातचीत होने लगी। ये बात जब समरीन के परिवार वालों को पता चली तो उन्होंने उसे डांटा और उसके घर से निकलने पर रोक लगा दी। फिर अपने प्रेमी मित्रपाल को पाने के लिए समरीन ने अपना घर छोड़ दिया।
अपनाया सनातन धर्म
अगस्त्य मुनि आश्रम के आचार्य पंडित के.के शंखधर ने बताया कि लड़की ने अपने हिंदू प्रेमी मित्रपाल के साथ विवाह करते हुए घर वापसी की है। उसका शुद्धिकरण करके गायत्री मंत्र बुलवाकर सनातन धर्म में शामिल करवाया गया। मंडप में बैठकर दुल्हन बनी समरीन उर्फ सुमन ने कई बार गायत्री मंत्र का जाप किया। मित्रपाल ने सुमन की मांग में सिंदूर भरकर जयमाला पहनाई और अग्नि के सात फेरे लिए।