NEET पेपर लीक मामला दिन ब दिन तूल पकड़ता जा रहा है। अब इस मामले में 4 और लोगों को झारखंड के देवघर से गिरफ्तार किया गया है। इन चारों आरोपियों पर साइबर धोखाधड़ी के तहत मामले दर्ज किए गए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इन चारों की गिरफ्तारी से कुछ अन्य परतें खुल सकती हैं।
आरोपी शिक्षक संजय जाधव भी गिरफ्तार
उधर, NEET मामले में महाराष्ट्र की लातूर पुलिस ने फरार आरोपी शिक्षक संजय जाधव को भी गिरफ्तार किया है। संजय जाधव को कल देर शाम टांडा से पकड़ा गया था। इससे पहले सोमवार को ही लातूर पुलिस ने जलील उमरखा पठान को कोर्ट में पेश किया था, जहां कोर्ट ने उसे 2 जुलाई तक पुलिस रिमांड में भेज दिया है। इस मामले में दो और आरोपियों इरन्ना और गंगाधर की तलाश की जा रही है।
दोनों आरोपी निजी कोचिंग सेंटर का करते थे संचालन
बता दें कि दोनों शिक्षक एक निजी कोचिंग सेंटर का संचालन करते थे। लातूर के संजय जाधव, जलील उमरखा पठान, नांदेड़ के इरन्ना मशनाजी कोंगलवाव और दिल्ली निवासी गंगाधर के खिलाफ सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
मोबाइल में मिली थी संदिग्ध जानकारी
लातूर जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया, कि ‘‘एटीएस अधिकारियों को सूचना मिली थी कि कुछ संदिग्ध व्यक्ति पैसे के बदले नीट अभ्यर्थियों को परीक्षा पास कराने के लिए एक गिरोह चला रहे हैं।” इसके बाद एटीएस ने शनिवार की रात पूछताछ के लिए संजय जाधव और जलील उमरखा पठान को हिरासत में ले लिया था। पुलिस के अनुसार, हिरासत में लिए गए आरोपी के मोबाइल फोन में राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) 2024 परीक्षा से संबंधित संदिग्ध जानकारी मिली थी।
कैसे हुआ मामले का खुलासा ?
जानकारी के अनुसार दिल्ली निवासी गंगाधर और लातूर का संजय जाधव सीधे तौर पर एक दूसरे से जुड़े थे। संजय जाधव की दोस्ती जलील उमरखा पठान और नांदेड़ के इरन्ना मशनाजी से थी। पूछताछ के दौरान जलील और संजय जाधव के मोबाइल में नीट परीक्षार्थियों के एडमिट कार्ड मिले थे। इसके अलावा कई बिचौलिए से बातचीत के सबूत मिले भी मिले थे, जिसके बाद ही एटीएस ने लातूर के शिवाजी नगर पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई।