अयोध्या: यूपी में वैसे तो बीजेपी अबकी बार कई लोकसभा सीटों पर चुनाव हारी। लेकिन, अयोध्या लोकसभा सीट पर बीजेपी को मिली हार सबसे ज्यादा खली। क्योंकि, अयोध्या राम मंदिर के नाम पर बीजेपी ने देश भर में लोकसभा का चुनाव लड़ा और वहीं से खुद भाजपा प्रत्याशी चुनाव हार गया।
इसी के चलते भाजपा लगातार मंथन कर रही है कि आखिर अयोध्या में पार्टी को मिली हार के पीछे सबसे बड़ी वजह क्या है। हाल ही में बीजेपी ने अयोध्या हार पर समीक्षा रिपोर्ट तैयार की है। जिसमें चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। जिसको लेकर भाजपा में चिंतन और मंथन का दौर जारी है।
दरअसल, समीक्षा रिपोर्ट में यह जानकारी निकल कर सामने आई है कि अयोध्या में बीजेपी की हार का सबसे बड़ा कारण वहां के भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह का वह बयान था, जिसमें उन्होंने कहा था कि 272 सीटों पर तो सरकार बन जाती है। लेकिन, संविधान में संसोधन करने या नया संविधान बनाने के लिए 400 सीटों की जरूरत है। कहा जा रहा है कि लल्लू सिंह के इसी बयान को विपक्ष ने मुद्दा बनाया, जिससे बड़ी संख्या में दलित मतदाताओं ने भाजपा और बसपा से दूरी बना कर सपा-कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशियों को मतदान किया।
यह भी पढ़ें: अयोध्या- 1.75 करोड़ श्रद्धालुओं ने किए रामलला के दर्शन, जुलाई 2025 तक पूरा होगा सप्त मंदिर का निर्माण कार्य
अयोध्या में भाजपा की हार के पीछे का दूसरा सबसे बड़ा कारण यह भी है कि दलितों के साथ-साथ कुर्मी और मौर्या वोटरों ने भी दूरी बना ली। जिससे पार्टी को बड़ा नुकसान हुआ। साथ ही कहा यह भी जा रहा है कि मतदाताओं के बीच बीजेपी के प्रत्याशी लल्लू सिंह के प्रति नाराजगी अधिक थी। वहीं, पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होना, अग्निवीर योजना व कई क्षेत्रीय मुद्दे थे, जिसने चलते भारतीय जनता पार्टी को नुकसान उठाना पड़ा।