नई दिल्ली: NEET और UGC NET परीक्षा को लेकर जारी विवाद के बीच केंद्र सरकार ने एंटी पेपर लीक कानून लागू कर दिया है। इस अधिनियम को सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम-2024 नाम दिया गया है। 21 जून की देर रात लागू हुए इस कानून में नकल और पेपर लीक जैसी घटना में शामिल लोगों के खिलाफ कठोर सजा का प्रावधान किया गया है। कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय द्वारा जारी एक गजट अधिसूचना में कानून के लागू होने की जानकारी दी गई है।
सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 – केंद्रीय भर्ती और केंद्रीय शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के लिए परीक्षाओं के लिए पेपर लीक विरोधी कानून, शुक्रवार को लागू हो गया।
कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय द्वारा जारी एक गजट अधिसूचना में कहा गया है,… pic.twitter.com/BTOoePDbVW
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 22, 2024
कानून में सजा का प्रावधान
इस कानून के तहत अधिकतम 10 साल की सजा और 1 करोड़ रुपये जुर्माना का प्रावधान किया गया है। नए कानून के तहत यदि कोई पेपर लीक करता है व उत्तर पुस्तिका के साथ छेड़छाड़ करता है तो उसे कम से कम 3 साल व अधिकतम 10 साल तक की सजा हो सकती है। साथ ही 10 लाख का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। यह सभी अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती होंगे। साथ ही जिस सेवा प्रदाता एजेंसी (पेपर कराने वाली एजेंसी) को अगर किसी प्रकार के अपराध की जानकारी है और वह इसे दर्ज नहीं करता हैं तो उनके विरुद्ध भी कठोर कार्रवाई की जाएगी। इन एजेंसियों पर 1 करोड़ का जुर्माना लगाया जाएगा।
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अगर जांच में पाया जाता है कि एजेंसी से जुड़ा कोई अधिकारी नकल, पेपर लीक जैसी गतिविधियों में शामिल है, या फिर परीक्षा के दौरान अनुचित संसाधनों का प्रयोग करने की अनुमति देता है तो उसके विरुद्ध भी कठोर कार्रवाई की जाएगी। ऐसे लोगों के खिलाफ कानून में 3 से 10 साल तक की सजा और 1 करोड़ रुपये अर्थ दंड का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा परीक्षा प्राधिकरण या सेवा प्रदाता संगठित अपराध करता है तो कम से कम 5 साल और अधिकतम 10 साल की सजा हो सकती है, साथ ही 1 करोड़ का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।