Lucknow News- सोशल मीडिया पर सरकार के विरोध में पोस्ट डालने वाले सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नाराजगी जाहिर की है। ऐसा करने वालों के खिलाफ सरकार ने गाइडलाइन जारी की है। इसके अन्तर्गत यदि किसी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी की ओर से सरकार के विरोध में कोई पोस्ट की जाती है, तो अब उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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आचरण नियमावली, 1956 के तहत होगी कार्रवाई
योगी सरकार के इस नए आदेश के बाद से उत्तर प्रदेश के करीब 20 लाख सरकारी कर्मचारी और अधिकारियों के लिए मीडिया और सोशल मीडिया पर सरकार का विरोध करना उनके लिए आफत बन सकता है। इस संबंध में नियुक्ति और कार्मिक विभाग की ओर आदेश जारी किया गया है। इस आदेश में स्पष्ट है कि जनसंचार के किसी भी माध्यम के जरिए बिना अनुमति के सरकारी अधिकारी और कर्मचारी कोई टिप्पणी नहीं कर सकेंगे। ऐसा करने वाले अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में नियुक्ति और कार्मिक विभाग के प्रमुख सचिव दिवेश चतुर्वेदी की ओर से गुरुवार को आदेश जारी किया गया है। जिसमें कहा गया है, कि प्रदेश के सरकारी कार्मिकों के आचरण को विनियमित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकारी कर्मचारियों की आचरण नियमावली, 1956 प्रभावी है।
डिजिटल मीडिया का नही कर सकते प्रयोग
इस आचरण नियमावली के नियम-3 (2) में यह व्यवस्था है, कि प्रत्येक सरकारी कर्मचारी सभी समय पर व्यवहार शासकीय आदेशों के अनुरूप करेगा। नियमावली के नियम-6, 7 एवं 9 में समाचार-पत्रों या रेडियो से सम्बन्ध रखने एवं सरकार की आलोचना आदि के संबंध में प्रावधान किए गए हैं। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि मीडिया का स्वरूप विस्तृत हो चुका है। इसके अन्तर्गत प्रिन्ट मीडिया (समाचार पत्र-पत्रिकाएं इत्यादि), इलेक्ट्रॉनिक मीडिया (रेडियो एवं न्यूज चैनल इत्यादि), सोशल मीडिया (फेसबुक, एक्स, वाट्सएप, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम आदि डिजिटल मीडिया का प्रयोग नही करेगा।
दिवेश चतुर्वेदी की ओर से कहा गया है, कि इनमें से किसी भी माध्यम में किसी भी तरह की सरकारी व्यवस्था पर की गई टिप्पणी को आचरण के खिलाफ माना जाएगा और इस संबंध में सुसंगत कार्रवाई की जाएगी।