लखनऊ- ओडीओपी के माध्यम से प्रदेश के जिलों की पारंपरिक पहचान को बड़े उद्योग के रूप में डेवलप करने का योगी सरकार का प्रयास निरंतर गति पकड़ रहा है। सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर खुर्जा की सिरेमिक और पॉटरी उद्योग को बड़ा फलक देने की तैयारी है। खुर्जा महायोजना 2031 के अंतर्गत सेरेमिक हाट विकसित किया जाएगा। जिसके बाद इस उद्योग से जुड़े 400 यूनिट्स को बड़ा मिलेगा। बुलंदशहर के खुर्जा शहर की पहचान ओडीओपी योजना आने के बाद से वैश्विक फलक पर छाने लगी है।
यही वजह है कि प्रदेश सेरेमिक और पॉटरी उद्योग के जरिए करीब 23 मिलियन डॉलर का निर्यात कर रहा है, जिसमें खुर्जा के सिरेमिक और पॉटरी उद्योग का बड़ा हिस्सा है। उल्लेखनीय है कि योगी सरकार राष्ट्रीय राजधानी परिक्षेत्र के आस-पास के जिलों और नगरों का तेजी से विकास करने जा रही है। इसी क्रम में बुलंदशहर के खुर्जा के लिए महायोजना 2031 पर काम शुरू हो चुका है। अधिकारियों द्वारा सीएम योगी आदित्यनाथ के समक्ष खुर्जा को लेकर विस्तृत प्लान पेश किया जा चुका है।
इसमें सर्वाधिक जोर सेरेमिक और पॉटरी उद्योग को बूस्ट करने को लेकर लेकर है। यहां का पॉटरी उद्योग न केवल भारत बल्कि विदेशों में भी विख्यात है। इसे सेरेमिक सिटी भी कहते हैं। योगी सरकार यहां के पॉटरी और सेरेमिक उद्योग को और आगे बढ़ाने के लिए तत्पर है। इसके पीछे कारण यह भी है कि यहां से दिल्ली 129 किलोमीटर, तो वहीं मेरठ 92 किमी और निर्माणाधीन जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट महज 33 किमी की दूरी पर स्थित है।
खुर्जा देश के सबसे पुराने पॉटरी क्लस्टरों में से एक है और अभी यहां तकरीबन 400 से अधिक लघु स्तरीय इकाइयां इस उद्योग में क्रियाशील हैं। साथ ही खुर्जा रणनीतिक रूप से ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर, एफटीब्ल्यूजेड जैसी परियोजनाओं से भी जुड़ा हुआ है, जिसका लाभ सेरेमिक और पॉटरी उद्योग को मिलना तय है। सेरेमिक उद्योग यहां के एक जिला एक उत्पाद स्कीम में भी शामिल है। तकरीबन 25 हजार लोग इस रोजगार से सीधे सीधे जुड़े हुए हैं।
महायोजना 2031 में योगी सरकार सेरेमिक हॉट विकसित करने जा रही है। इसके अलावा पुरानी आबादी से सेरेमिक से संबंधित इकाइयों को विकसित क्षेत्रों में स्थानांतरित करने की भी योजना है। सीएम योगी ने इस उद्योग को और आगे ले जाने के लिए इसकी पैकेजिंग की गुणवत्ता में सुधार और एक्सपोर्ट को बढ़ाने पर बल देने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
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