लखनऊ: डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य 5 दिनों के दिल्ली प्रवास के बाद लखनऊ लौट आए हैं। वह आज गुरुवार की दोपहर प्रदेश की राजधानी पहुंचे। इसके पूर्व उपमुख्यमंत्री ने दिल्ली प्रवास के दौरान भाजपा नेताओं से मुलाकात की। कहा जा रहा है कि इस दौरान यूपी में निराशाजनक परिणाम व संगठन के विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई।
गुरुवार की दोपहर लखनऊ पहुंचे केशव प्रसाद मौर्य से कई भाजपा नेताओं, मंत्रियों व पूर्व मंत्रियों ने मुलाकात की। पहले खबरें आई थीं कि उन्हें भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जा सकता है। लेकिन, अब सूत्रों का कहना है कि उन्हें यूपी भाजपा संगठन में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। यही कारण है कि उनके कार्यालय और आवास पर नेताओं की भारी भीड़ लगने लगी है। नेताओं को अब यह लगने लगा है कि उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।
केशव प्रसाद मौर्य ने 5 दिनों तक दिल्ली में डेरा डाले रखा। इस दौरान उन्होंने कई बड़े भाजपा नेताओं से मुलाकात की। जानकार लोगों का कहना है कि जब वह 2016 में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बने थे, तब भी उन्होंने कई दिनों तक दिल्ली में रहकर, बड़े नेताओं से मुलाकात की थी। अब कुछ ऐसा ही माहौल फिर बन रहा है। उनके समर्थक तो यह मानकर चल रहे हैं कि उन्हें भाजपा संगठन में कोई बड़ी जिम्मेदारी मिलने वाली है।
अब सवाल यह उठता है कि अगर केशव प्रसाद मौर्य को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाता है, तो भूपेंद्र चौधरी का क्या होगा? क्योंकि वर्तमान में उन्हीं के पास यूपी भाजपा की कमान है। सूत्रों का कहना है कि उन्हें फिर से योगी सरकार में मंत्री बनाया जा सकता है।
केशव प्रसाद मौर्य का राजनीतिक जीवन
केशव प्रसाद मोर्य साल 2012 में सिराथू विधानसभा से विधायक बने। इसके बाद 2014 में फूलपुर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए। सांसद रहते हुए केशव का कद भाजपा में बढ़ाता चला गया। 2016 में उन्हें यूपी भाजपा की कमान सौंपी गई। उन्हीं के नेतृत्व में बीजेपी ने प्रचंड बहुमत के साथ विधानसभा चुनाव जीत कर सरकार बनाई। योगी सरकार में उन्हें डिप्टी सीएम बनाया गया। केशव प्रसाद मौर्य को संघ व विश्व हिंदू परिषद का करीबी माना जाता है। वह बीजेपी में आने से पहले, विश्व हिंदू परिषद संगठन में ही कार्य करते थे।