Lucknow News– लोकसभा चुनाव 2024 में कई दिग्गज नेताओं के बेटे और बेटी ने पहले ही चुनाव में जीत हासिलकर परिवार की विरासत को आगे बढ़ाने का काम किया है, आइए जानते हैं, उन युवा नेताओं के नाम बारे में…
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इस बार लोकसभा चुनाव के नतीजे काफी चौंकाने वाले रहे हैं। एग्जिट पोल के परिणामों को नाकारते हुए उत्तर प्रदेश में बड़ा उलटफेर हुआ है। जिसकी वजह से एनडीए 36 सीटों पर ही सिमट गई। जिसमें भाजपा को 33 और सहयोगी दल को 3 सीटें ही मिली हैं। इस बार कई दिग्गज नेताओं के बेटे चुनावी मैदान में थे, लेकिन विरासत को आगे नहीं बढ़ा पाए. जबकि कुछ नेताओं के बेटों ने जीत हासिलकर परिवार की विरासत को संभालने का काम किया है।
करण भूषण सिंह
भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और 5 बार के सांसद रहे बृजभूषण शरण सिंह को इस बार भाजपा ने सांसदी का टिकट न देकर पार्टी ने उनकी जगह उनके बेटे करण भूषण को मैदान में उतारा था। करण भूषण पहली बार भाजपा के टिकट पर चुनाव में उतरे और 5 लाख 71 हजार 263 वोट पाकर जीत हासिल की। 13 दिसंबर 1990 को जन्मे करण भूषण नेशनल लेवल के शूटर हैं। उन्होंने डॉ राम मनोहर लोहिया अवध यूनिवर्सिटी से बीबीए और एलएलबी किया है। इसके अलावा आस्ट्रेलिया से बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई भी की है।
उज्ज्वल रमण सिंह
यूपी की इलाहाबाद लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर पहली बार चुनाव लड़े उज्जवल रमण सिंह ने भाजपा प्रत्याशी नीरज त्रिपाठी को इस चुनाव में हराया। उज्जवल रमण सिंह ने 58 हजार, 9 सौ 95 वोटों से करारी शिस्कत दी। इनको 4 लाख 62 हजार 1 सौ 45 वोट मिले, तो वहीं नीरज त्रिपाठी को 4 लाख 3 हजार 3 सौ 50 वोट मिले थे। बता दें कि उज्जवल रमण सिंह सपा नेता रेवती रमण सिंह के बेटे हैं। उनके पिता रेवती रमण सिंह मुलायम सिहं यादव की सरकार में पर्यावरण मंत्री बने थे। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले उज्जवल रमण सिंह सपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
प्रिया सरोज
समाजवादी पार्टी के टिकट पर मछली शहर लोकसभा सीट से सबसे कम उम्र की सांसद बनी प्रिया सरोज को 4 लाख 51 हजार 2 सौ 92 वोट मिले। उन्होंने भाजपा उम्मीदवार बीपी सरोज को 35 हजार 8 सौ 50 वोटों से हराकर अपने पिता तूफानी सरोज की विरासत संभाल ली है। 1988 में जन्मी प्रिया सरोज सुप्रीम कोर्ट में वकील के तौर पर काम कर रही थीं। प्रिया ने स्कूली शिक्षा नई दिल्ली में एयर फ़ोर्स गोल्डन जुबली इंस्टीट्यूट से पूरी की। दिल्ली विश्वविद्यालय से बैचलर ऑफ़ आर्ट्स और नोएडा में एमिटी यूनिवर्सिटी से एलएलबी करने के बाद सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस कर रही हैं।
पुष्पेंद्र सरोज
कौशाम्बी लोकसभा सीट से पुष्पेंद्र सरोज ने बीजेपी के दिग्गज नेता और पार्टी के राष्ट्रीय मंत्री और दो बार से सांसद विनोद सोनकर को 1 लाख से अधिक वोटों से हराकर अपने पिता इंद्रजीत सरोज की विरासत संभाली है। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता राष्ट्रीय महासचिव और यूपी में कई बार कैबिनेट मंत्री रहे इंद्रजीत सरोज के बेटे पुष्पेंद्र कुछ दिनों पहले ही लंदन से अपनी पढ़ाई पूरी कर भारत वापस लौटे हैं। पुष्पेंद्र अकाउंटिंग एंड मैनेजमेंट में बीएससी करने के लिए लंदन जाने से पहले देहरादून के वेल्हम बॉयज़ स्कूल में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। बता दें कि 1 मार्च 1999 को जन्मे पुष्पेंद्र सरोज 25 साल, 3 महीने और 3 दिन के हैं। चुनाव जीतने के बाद पुष्पेंद्र ने भारतीय संसदीय इतिहास में सबसे कम उम्र के सांसद का चंद्रानी मुर्मू का रिकॉर्ड तोड़ा है।
इकरा हसन
कैराना लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार प्रदीप कुमार को 69 हजार 1 सौ 16 वोटों से हराने वाली इकरा हसन चौधरी ने सपा के टिकट पर जीत हासिल करके अपने परिवार की विरासत को आगे बढ़ाया है। इकरा हसन को 5 लाख 28 हजार 13 वोट मिले हैं, जबकि भाजपा उम्मीदर प्रदीप कुमार को 4 लाख 58 हजार 8 सौ 97 वोट ही मिले। 1995 में जन्मी इकर हसन की शुरुआती पढ़ाई कैराना से हुई। फिर उन्होंने दिल्ली के क्विंस मेरी स्कूल से 12 वीं तक की शिक्षा ली। उसके बाद लंदन से अपनी पढ़ाई की। साल 2020 में लंदन के स्कूल ऑफ ओरिएंटल एंड अफ्रीकन स्टडीज यूनिवर्सिटी से पॉलिटिक्स में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। बता दें कि इससे पहले इकरा जिला पंचायत का चुनाव लड़ चुकी हैं, हालांकि उनको 500 वोटों से हार मिली थी।
आदित्य यादव
अखिलेश यादव के चचेरे भाई और शिवपाल यादव के बेटे आदित्य यादव ने बंदायू से सांसद बनकर परिवार की विरासत को आगे बढ़ाने का काम किया है। पहली बार चुनावी मैदान में उतरे आदित्य सिंह यादव को 5 लाख 1 हजार 8 सौ 55 वोट मिले। उन्होंने बीजेपी के दुर्विजय सिंह शाक्य को शिकस्त दी है। 12 जून 1988 को जन्में आदित्य सिंह यादव इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की है। आदित्य इंडियन फार्म फॉरेस्ट्री कोऑपरेटिव लिमिटेड के निदेशक मंडल में हैं। 305 से अधिक लोगों की संस्था ग्लोबल बोर्ड ऑफ इंटरनेशनल को-ऑपरेटिव एलायंस के सबसे कम उम्र के निदेशकों में से भी एक हैं।