लखनऊ: मोदी 3.0 सरकार में कई नए चेहरों को जगह मिली है। इन्हीं चेहरों में से एक यूपी की बांसगांव लोकसभा सीट से चौथी बार सांसद बने कमलेश पासवान भी हैं। वह 2009, 2014, 2019 और 2024 में जीत कर सांसद बने हैं। अबकी बार उन्हें मोदी सरकार में ग्रामीण विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई है। कमलेश पासवान की गिनती यूपी के बड़े दलित नेता के दौर पर होती है। 1996 में कमलेश पासवान के पिता ओम प्रकाश पासवान की बम विस्फोट कर हत्या कर दी गई थी, जब वह एक रैली को संबोधित कर रहे थे।
2024 के लोकसभा चुनाव में कमलेश पासवान ने कांग्रेस के सदल प्रसाद 3150 मतों से हराया है। कमलेश पासवान को 4,28,693 वोट मिले, वहीं सदल प्रसाद को 4,25,543 वोट प्राप्त हुए। चौथी बार गोरखपुर जिले की बांसगांव विधानसभा सीट से सांसद चुने गए कमलेश पासवान की मां सुभावती पासवान भी सांसद रह चुकी हैं।
कब हुई कमलेश पासवान के पिता ओमप्रकाश पासवान की हत्या?
बात साल 1996 की है। पूरे देश में लोकसभा चुनाव को लेकर हलचल तेज थी। चुनाव लड़ रहे सभी नेता चुनाव प्रचार में व्यस्त थे। उन्हीं नेताओं में से एक मानीराम विधानसभा सीट से तीसरी बार विधायक बने ओमप्रकाश पासवान भी थे। तब वह सपा के टिकट पर बांसगांव लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे थे। इसी क्रम में उन्हें 25 मार्च 1996 की शाम करीब 7 बजे गोरखपुर के बांसगांव में माल्हनपार रोड एक जनसभा को संबोधित करना था।
ओमप्रकाश पासवान अपने समय पर जनसभा में पहुंचे। पासवान की इस जनसभा में अपार जन समूह मौजूद था। उन्होंने समर्थकों के उत्साह को देखते हुए जोरदार भाषण दिया। भाषण खत्म हुआ, वह मंच से नीचे उतर रहे थे। तभी हमलावरों ने उनके पैरों पर बम फेंक दिया। इस घटना में ओमप्रकाश पासवान मौत हो गई। कहा जाता है कि यह घटना इतनी भीषण थी कि ओमप्रकाश पासवान का शव के कई टुकड़ों में मिला था। उनके साथ कई अन्य लोगों की मौत हुई थी, साथ ही 33 से अधिक लोग घायल हो गए थे।