नई दिल्ली: दिल्ली-हरियाणा में लोकसभा चुनाव मिलकर लड़ने वाली कांग्रेस- आप के बीच अब सिर फुटव्वल की स्थिति बन गई है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच जारी गठबंधन अब खत्म हो गया है। दोनों दलों के बीच पंजाब-दिल्ली में पहले ही गठबंधन खत्म हो चुका था। अब हरियाणा में नाता खत्म हो गया। इसकी घोषणा कांग्रेस नेता व हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हु्ड्डा ने की है।
भूपेंद्र हु्ड्डा ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि हमारी कांग्रेस पार्टी हरियाणा में विधानसभा चुनाव अकेले दम पर लड़ेगी। वहीं, हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के मोदी कैबिनेट में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अब यह देखना होगा कि वह कैसा प्रदर्शन कर पाते हैं। वह कितना लाभ हरियाणा को दिला पाते हैं।
बता दें कि इसके पहले हरियाणा आम आदमी पार्टी के नेता अनुराग ढांडा ने कांग्रेस पर उनकी पार्टी की भ्रूण हत्या करने का आरोप लगाया था। जिसके बाद से ही माना जा रहा था कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले ही दोनों दलों की राहें जुदा हो सकती हैं। हरियाणा और दिल्ली में 2025 में विधानसभा के चुनाव होने हैं।
इसके पहले दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय ने आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने की घोषणा की थी। वर्तमान में दिल्ली विधानसभा में आम आदमी पार्टी की प्रचंड बहुमत के साथ सरकार है। जबकि, कांग्रेस का एक भी विधायक नहीं है।
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दिल्ली और हरियाणा में मिलकर लड़ा था चुनाव
दिल्ली और हरियाणा में कांग्रेस और AAP ने मिलकर चुनाव लड़ा था। दिल्ली की कुल 7 सीटों में से कांग्रेस ने 3 और AAP ने 4 लोकसभा सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे। वहीं, हरियाणा की कुल 10 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस ने 9 और केजरीवाल की पार्टी ने 1 सीट पर चुनाव लड़ा था। दिल्ली में इंडी गठबंधन का खात नहीं खुला। जबकि, हरियाणा में कांग्रेस 5 सीटें जीतने में कामयाब रही। वहीं, हरियाणा में एक सीट पर चुनाव लड़ रही आप दूसरे नंबर पर रही।