निवेशकों से गलत ढंग से पैसा जुटाने वाली 7 कंपनियों से रिकवरी के लिए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड यानि सेबी 8 जुलाई को उनकी 22 संपत्तियों की नीलामी करेगा।
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8 जुलाई को 7 कंपनियों से होगी रिकवरी
बाजार नियामक सेबी ने सोमवार को जारी एक बयान में बताया कि निवेशकों से अवैध रूप से धन एकत्र करने के मामले में पाइलन ग्रुप, विबग्योर ग्रुप और जीबीसी इंडस्ट्रियल कॉर्प कंपनियों से रिकवरी की जाएगी। इनके अलावा टावर इन्फोटेक ग्रुप, वारिस ग्रुप, टीचर्स वेलफेयर क्रेडिट एंड होल्डिंग ग्रुप और एनेक्स इन्फ्रास्ट्रक्चर इंडिया लिमिटेड कंपनियों से भी वसूली होगी।
सेबी ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के अनुरूप इन कंपनियों की 22 संपत्तियों की बिक्री की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए न्यायमूर्ति शैलेंद्र प्रसाद तालुकदार की अध्यक्षता में एक सदस्यीय समिति बनाई गई है। सेबी ने कहा है कि इन संपत्तियों में पश्चिम बंगाल में भूखंड और एक फ्लैट शामिल हैं। इन संपत्तियों की नीलामी 8 जुलाई को सुबह 11 बजे से दोपहर एक बजे तक ऑनलाइन आयोजित की जाएगी। इसकी नीलामी 45.47 करोड़ रुपए के आरक्षित मूल्य पर की जाएगी। बता दें कि इन फर्मों ने नियामकीय मानदंडों का पालन किए बगैर निवेशकों से पैसा जुटाया था।
क्या है सेबी ?
सेबी यानि सिक्योरिटीज़ एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड),, मार्केट का एक महत्वपूर्ण रेगुलेटर है, जो भारत सरकार की एक वैधानिक संस्था है। इसे भारतीय बाजार की पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया था। सेबी का मुख्यालय मुंबई में है। इसके अलावा नई दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई और अहमदाबाद विभिन्न क्षेत्रीय कार्यालय हैं।
इस नियामक निकाय की प्रमुख भूमिका भारतीय पूंजी बाजार के कार्य को नियंत्रित करना है। इसका प्रमुख उद्देश्य निवेशकों के हितों की सुरक्षा करना और नियमों एवं विनियमों को शामिल करके एक सुरक्षित निवेश वातावरण को बढ़ाना है। सेबी का कार्य इन्वेस्टमेंट से संबंधित दिशा-निर्देशों को बनाना और उसका पालन कराना भी है।