Lifestyle:- सभी पेरेंट्स अपने बच्चों के साथ मजबूत और प्यार भरा रिश्ता रखने की चाह रखते है। हालांकि, कई बार बच्चे अपने पेरेंट्स से दूर होते नजर आते हैं। यह दूरी भावनात्मक रूप से भी हो सकती है। जहां बच्चे अपने माता-पिता से बातचीत कम कर देते हैं या फिर उनके साथ खुलकर बात नहीं करते। बच्चों को भावनात्मक स्तर पर अपने पेरेंट्स से जुड़े रहना बेहद जरूरी होता है। क्योंकि इससे बच्चों की इमोशनल और मेंटल हेल्थ पर बहुत गहरा असर पड़ता है।
यदि आप इस बात को जान ले कि आपका बच्चा भावनात्मक स्तर पर आपसे दूर क्यों जा रहा है, तो आपके लिए इस समस्या को दूर करना थोड़ा आसान हो सकता है। आज के इस आर्टिकल में हम आपको उन्हीं कारणों के बारे में बताएंगे जिनकी वजह से बच्चे अपने पेरेंट्स से दूर होते है। साथ ही आपको यह भी बताएंगे की इस समस्या को सुधारने का तरीका क्या है।
भावनात्मक जुड़ाव की कमी-
बच्चों को अपने पेरेंट्स से प्यार और स्नेह की आवश्यकता होती है। आज कल की व्यस्त जीवनशैली या भावनाओं को व्यक्त करने में माता-पिता की झिझक के कारण बच्चों के साथ भावनात्मक जुड़ाव कमजोर पड़ रहा है। इससे बच्चे अपने पेरेंट्स से दूरी बनाने लगते है। आप चाहे कितने भी बिजी क्यों न हो, आपको दिन में एक बार अपने बच्चे से बात करने के लिए समय निकालना चाहिए।
कठोरता से आलोचना करना-
आज के समय में सभी बच्चे चाहते हैं कि उसके पेरेंट्स उन्हें प्यार करें, उसका समर्थन करें। यदि पेरेंट्स लगातार बच्चों की आलोचना करते हैं, उनकी गलतियों को बार-बार उजागर करते हैं, तो इससे बच्चों का आत्मविश्वास कम होता है। जिससे वे माता-पिता से दूर जाने लगते हैं। आप अपने बच्चे की उपलब्धियों पर भी ध्यान दें। इससे बच्चे का आत्मविश्वास बढ़ेगा।
पेरेंटिंग स्टाइल-
कभी सख्ती से पेश आना तो कभी ढीले रहने वाले माता-पिता बच्चों को असमंजस में डाल देते हैं। बच्चे समझ ही नहीं पाते कि वह अपने पेरेंट्स से क्या उम्मीद करें। ऐसी स्थिति में बच्चे अपने पेरेंट्स पर भरोसा कम करते है। और उनसे दूरी बनाने लगते है।
माता-पिता के बीच लगातार झगड़े-
घरों में होने वाले पारिवारिक झगड़े भी अक्सर बच्चों को मानसिक रूप से कमजोर करते है। जिससे बच्चे असुरक्षित महसूस करते हैं। और वे माता-पिता से दूर जाने का रास्ता ढूंढने लगते हैं। इसके अलावा पेरेंट्स का अपने बच्चों के साथ क्वालिटी टाइम न बिताना भी एक प्रमुख कारण है। आज के व्यस्त जीवन में पेरेंट्स बच्चों को पर्याप्त समय नहीं देते।
इससे बच्चों को लगता है कि माता-पिता उनकी बिल्कुल ही परवाह नहीं करते। वे अकेलेपन और उपेक्षा का अनुभव करते हैं। जिससे उनमें पेरेंट्स के प्रति दूरी का भाव उत्पन्न होता है।
क्या करना चाहिए-
आज कल के व्यस्त समय के बावजूद आप अपने बच्चों के लिए थोड़ा समय जरूर निकले। जिसमें बच्चों से प्यार जताएं, उनकी बातों को ध्यान से सुनें और उनकी भावनाओं को समझें। उनके साथ खेलें, हंसें और खुलकर बातचीत करें। इससे बच्चों को यह महसूस होगा कि आप उनकी परवाह करते हैं और आपको उनके साथ मजबूत रिश्ता बनाने में मदद मिलेगी।
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