रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 में भारतीय अर्थव्यवस्था 7 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान जताया है। RBI ने अपनी रिपोर्ट में अप्रैल 2023 से मार्च 2024 की अवधि के लिए केंद्रीय बैंक के कामकाज को शामिल किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था ने लगातार चुनौतियों के बावजूद जुझारुपन दिखाया और प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद सरकारी निवेश और कंज्यूमर ऑप्टिमिजम की वजह से आउटलुक पॉजिटिव बना है।
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RBI की वार्षिक रिपोर्ट की खास बातें
RBI ने गुरुवार को वित्त वर्ष 2023-24 की अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए वास्तविक GDP वृद्धि दर 7.0 फीसदी में जोखिम दोनों तरफ समान रूप से संतुलित होंगे। RBI की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने एक अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 को समाप्त हुए वित्त वर्ष 2023-24 में मजबूत गति से विस्तार किया, जिससे वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद यानि GDP की वृद्धि दर बढ़कर 7.6 फीसदी हो गई, जो 2022-23 में 7.0 फीसदी थी। ये लगातार तीसरे वित्त वर्ष में 7 फीसदी या उससे अधिक रही है।
रिपोर्ट में MSP से फायदे के बारे में जानकारी
रिपोर्ट में कहा गया है कि 31 मार्च 2024 तक खाद्यान्नों का समग्र सार्वजनिक भंडारण कुल तिमाही भंडारण मानक का 2.9 गुना था। 2023-24 में खरीफ की फसलों के लिए एमएसपी में 5.3-10.4 प्रतिशत और रबी की फसलों के लिए 2.0-7.1 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।
‘मोटे अनाज के उत्पादन को फायदा’
रिपोर्ट में कहा गया है कि मोटे अनाज के उत्पादन को फायदा हो सकता है। खरीफ फसलों में मूंग के एमएसपी में सबसे अधिक वृद्धि हुई, जबकि रबी की फसलों में मसूर और गेहूं के एमएसपी में सबसे ज्यादा वृद्धि देखने को मिली। केंद्र सरकार ने 29 नवंबर 2023 को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत खाद्यान्न के फ्री डिस्ट्रीब्यूशन की योजना को और 5 सालों के लिए बढ़ा दिया था, जो एक जनवरी 2024 से लागू हुआ है।