चंडीगढ़- हरियाणा के डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने मंगलवार को 22 साल पुराने डेरा के पूर्व मैनेजर रंजीत सिंह मर्डर केस में दोषी करार राम रहीम की सजा रद्द कर दी। CBI कोर्ट ने इस मामले राम रहीम सहित 5 लोगों को दोषी ठहराया था। लेकिन अब हाईकोर्ट ने CBI अदालत के इस फैसले को खारिज कर दिया। दरअसल जुलाई 2002 को रंजीत सिंह डेरा सच्चा सौदा की कमेटी के सदस्य की हत्या कर दी गई थी।
19 वर्ष बीत जाने के बाद 2021 में इस मामले में CBI कोर्ट ने राम रहीम और अन्य 4 लोगों को दोषी करार दिया था। लेकिन आज पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सिरसा डेरा प्रमुख राम रहीम सहित सभी दोषियों को बरी कर दिया। हाईकोर्ट ने पंचकूला CBI कोर्ट की तरफ से 4 वर्ष पहले दिए गए फैसले को पलट दिया।
हाईकोर्ट ने इन बातों पर उठाए सवाल-
हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान CBI की जांच में बहुत सारी कमियां मिली। CBI ने वारदात में इस्तेमाल हथियार और कार को बरामद नहीं किया। वहीं, CBI ने हत्या में 455 बोर पिस्टल का इस्तेमाल करने का दावा भी किया था। वो पिस्टल वर्ष 1999 में मोगा पुलिस को सौप दी गई थी। हत्याकांड के 2 गवाहों सुखदेव सिंह और जोगिंदर सिंह के बयानों में भी काफी अंतर पाया गया है। उधर, मृतक रणजीत सिंह के पिता जोगिंदर सिंह ने पहले हत्या को लेकर गांव के सरपंच पर आरोप लगाए थे।
राम रहीम के वकील ने बताया कि जजमेंट अभी नहीं आई है, लेकिन कोर्ट में मामले की सुनवाई पहले ही हो चुकी थी। उन्होंने कहा कि मंगलवार कोर्ट में फैसला आया और सभी को बरी कर दिया गया। आरोपी सबदिल के वकील महेंद्र सिंह जोशी ने बताया कि रणजीत सिंह के पिता ने पहले गांव के सरपंच पर मर्डर का आरोप लगाया था। हाईकोर्ट ने इसी आधार पर अपना फैसला सुनाया। उन्होंने कहा कि सबदिल की पूरी जिंदगी बर्बाद हो गई। क्योंकि वह 14 वर्ष से जेल में बंद है।
उल्लेखनीय है कि पहले इस मामले की जांच पुलिस ने की थी। लेकिन पुलिस जांच से असंतुष्ट रणजीत सिंह के बेटे जगसीर सिंह ने जनवरी 2003 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर CBI जांच की मांग की थी। जिसके बाद में मामला CBI को सौंप दिया गया। अक्तूबर 2021 में डेरा मुखी सहित पांच आरोपियों को दोषी करार दिया गया। इस मामले में 2007 में कोर्ट ने आरोपियों पर आरोप तय किए थे। हालांकि, शुरूआत में इस मामले में आरोपियों की लिस्ट में राम हीम का नाम शामिल नहीं था लेकिन वर्ष 2003 में जांच CBI को सौंपी गई। फिर 2006 में राम रहीम के ड्राइवर खट्टा सिंह के बयान पर डेरा प्रमुख को भी आरोपियों में शामिल किया गया।
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