सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को प्रतिबंधित कट्टरपंथी इस्लामिक समूह PFI यानि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के सदस्यों को बड़ा झटका दिया है।सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए सभी 8 आरोपियों की जमानत को रद्द कर दिया है। इन सभी पर देशभर में आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने की साजिश रचने का आरोप है।
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जमानत पर इनकी रिहाई रद्द करते हुए कोर्ट ने कहा कि “अपराध की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए अधिकतम सजा दी गई है, जबकि उन्होंने सिर्फ 1.5 डेढ़ साल जेल में बिताए हैं। इस कारण हम हाईकोर्ट के जमानत पर रिहाई के फैसले में दखल दे रहे हैं।”
कोर्ट ने इस तर्क को स्वीकार करने से इनकार कर दिया कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता सर्वोच्च है। कोर्ट ने तर्क दिया कि “कोर्ट व्यक्तिगत स्वतंत्रता देने वाले आदेशों में हस्तक्षेप कर सकती है, अगर वो गलत आधार पर दिए गए हों।” जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मिथल की बेंच ने इस मामले में ट्रायल में तेजी लाए जाने का भी निर्देश दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा है कि “इस जमानत का केस की मेरिट पर असर नहीं पड़ेगा।”
केरल, तमिलनाडु और यूपी से हुई थी गिरफ्तारियां
बता दें PFI से जुड़े 8 आरोपियों में बरकतुल्ला, इदरीस, मोहम्मद अबुथाहिर, खालिद मोहम्मद, सैयद इशाक, खाजा मोहिदीन, यासर अराफात और फैयाज अहमद का नाम शामिल है। सभी को केरल, तमिलनाडु और यूपी समेत देश के विभिन्न हिस्सों में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए भारत और विदेशों में धन इकट्ठा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।