टेंडर कमीशन घोटाले में गिरफ्तार झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम की रिमांड अवधि खत्म होने पर उन्हें बुधवार को रांची की PMLA मामलों की विशेष कोर्ट में पेश किया गया। ED के स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर शिव कुमार ने स्पेशल जज पी के शर्मा से आलमगीर आलम की 7 दिनों की रिमांड की मांग की, जिसका आलमगीर आलम के वकील ने विरोध किया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद फिलहाल कोर्ट ने ED को फिर से आलमगीर आलम से पूछताछ करने के लिए 5 दिनों की रिमांड की मंजूरी दे दी।
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बता दें ED ने बीती 5 मई को टेंडर कमीशन घोटाले में मंत्री आलमगीर के पीएस संजीव लाल और उसके नौकर जहांगीर सहित अन्य लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान ED ने संजीव लाल के नौकर जहांगीर और बिल्डर मुन्ना सिंह के ठिकानों से कुल 35.23 करोड़ रुपए नकद बरामद किए थे। इसके बाद 14 मई को मंत्री आलमगीर आलम को भी गिरफ्तार कर लिया गया था। कोर्ट में ED ने दावा किया है कि मंत्री आलमगीर आलम को 1.5% कमीशन मिलता था।
कौन हैं मंत्री आलमगीर आलम
आलमगीर आलम पाकुड़ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक हैं। आलमगीर आलम साल 2000 में विधायक बने थे। उसके बाद वे 2005, 2014 और 2019 में भी विधायक चुने गए।
इनके पास कितनी है संपत्ति
इनके पास 7 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति है। 2019 के चुनावी शपथपत्र में उन्होंने 39 लाख रुपए के कर्ज का भी खुलासा किया था। इससे पहले 2014 के हलफनामे के मुताबिक उनके पास 6 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति थी। उन्होंने उस समय 45 लाख रुपए के कर्ज का खुलासा 2014 के चुनावी हलफनामे में किया था। 2009 के हलफनामे के अनुसार उनके पास 1.41 करोड़ रुपए की संपत्ति थी। उस समय उनके ऊपर 2 लाख रुपए का कर्ज था।