भारतीय स्किन केयर बाजार के 11 से 12 प्रतिशत की दर से बढ़ने के आसार हैं। इस पर भरोसा जताते हुए कंपनियों ने नए उत्पाद और वैज्ञानिक तकनीक पर आधारित दवाइयों पर फोकस करने की योजना बनाई है।
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बढ़ रही है तेजी से डिमांड
दरअसल प्रदूषण के कारण स्किन प्रॉब्लम, सौंदर्य संबंधी त्वचा विज्ञान प्रक्रियाओं की बढ़ती मांग, लोगों के खर्च करने योग्य आय बढ़ने और बढ़ती जनसंख्या के कारण इनकी डिमांड बढ़ रही है। एक आंकड़ों के मुताबिक त्वचा विज्ञान के लिए बाजार का आकार 13,299 करोड़ रुपए आंका गया है जो सालाना 8 फीसदी की चक्रवृद्धि दर से बढ़ रहा है।
त्वचा विज्ञान के भविष्य के बारे में एलेम्बिक फार्मास्युटिकल्स ने कहा है कि “भारत में त्वचा विज्ञान क्षेत्र तेजी से बढ़ने के लिए तैयार है। पूरे उद्योग के लिए एक अंक में वृद्धि की उम्मीद है। वहीं बालों एवं मॉइस्चराइजर श्रेणियों में दो अंकों की बढ़ोत्तरी हो सकती है। हम इन प्रमुख क्षेत्रों पर अपने ध्यान के साथ इस रुझान का लाभ उठाने के लिए अच्छी स्थिति में हैं और आने वाली तिमाहियों में इस क्षेत्र में नए उत्पाद पेश करने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं।”