Uttrakhand News- उत्तराखंड के ऐतिहासिक जोशीमठ शहर में पिछले साल भू-धंसाव और दरारें पड़ने से बड़ा संकट आया था। संकट के बाद लगाए प्रतिबंध के बावजूद भी यहां पर अवैध निर्माण कार्य रोका नही जा रहा है। शासन-प्रशासन की लाख कोशिशों के बाद भी छुपकर अवैध निर्माण कार्य किया जा रहा है। ये अवैध निर्माण भविष्य में खतरनाक साबित हो सकते हैं।
यह भी पढ़ें- लखनऊ- विपक्ष के संविधान वाले बयान पर राजनाथ सिंह ने कांग्रेस को आपातकाल की दिलाई याद, बोले फिर से मोदी सरकार
जनवरी 2023 में हुआ था भू-धंसाव और मकानों में पड़ी थीं दरारें
उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ शहर में जनवरी 2023 में भू-धंसाव और दरारें पड़ने का मामला देश और दुनिया में सुर्खियों था। करीब 800 से ज्यादा मकानों, दीवारों, फर्श और सड़कों पर दरारें पड़ गई थी। इस मामले ने केंन्द्र और राज्य सरकार की चिंताए बढ़ा दी थी। युद्धस्तर पर बचाव और राहत कार्य किया गया। करीब 200 से ज्यादा मकानों को आनन-फानन में खाली कराया गया। 800 से अधिक घरों को रहने के लिए खतरनाक मानते हुए उन पर लाल निशान लगाए गए थे। सरकार ने लोगों को विस्थापित करना शुरु कर दिया।
रोक के बाद भी हो रहा अवैध निर्माण
जोशीमठ में भू-धंसाव और दरारें पड़ने की घटना के बाद से भविष्य की गंभीरता को देखते हुए उत्तराखंड सरकार और केंद्र सरकार ने मिलकर जोशीमठ शहर के हालात को सुधारने के लिए काम किया। कई तकनीकी संस्थानों ने जोशीमठ शहर की धरती के नीचे हो रही गतिविधियों पर चिंता जाहिर करते हुए, इसे बचाने के लिए कवायद शुरु की थी। ऑपरेशन से निष्कर्ष निकाला गया, कि फिलहाल जोशीमठ शहर में किसी भी तरह का अवैध निर्माण प्रतिबंधित रहेगा। निर्णय लिया गया था कि केवल एनडीएमए (National Disaster Management Authority) और राज्य की आपदा प्रबंधन एजेंसी के अप्रूवल पर ही शहर को री-डेवलप करने का प्लान तैयार होगा।
सोशल मीडिया पर वायरल हुई अवैध निर्माण की तस्वीरें
आपको बताते चलें कि यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल हुई अवैध निर्माण की तस्वीरें के बाद चर्चा में आया है। वहीं एसडीएम चंद्रशेखर वशिष्ठ ने कहा कि जोशीमठ नगर पालिका के सभी 9 वार्डों में निर्माण कार्य फिलहाल पूरी तरह से प्रतिबंधित है। प्रशासन की टीम सभी गतिविधियों पर नजर भी रखती है। इस दौरान यदि कोई अवैध निर्माण करता पाया गया, तो उस पर कार्रवाई भी की जाती है। इस मामले में अभी तक आधा दर्जन से ज्यादा लोगों के खिलाफ नोटिस जारी किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि अवैध निर्माण करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
जिलाधिकारी को पहले ही जारी किए जा चुके हैं निर्देश
इस मामले में उत्तराखंड आपदा प्रबंधन सचिव डॉ रंजीत सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ में फिलहाल सभी टेक्निकल एजेंसियों के विचार-विमर्श के बाद निर्माण कार्य पूरी तरह से प्रतिबंधित किया गया है। सभी मानकों को ध्यान में रखते हुए केंद्र और राज्य की तकनीकी एजेंसियां जोशीमठ शहर का पुनर्निर्माण करेंगी और तब तक जोशीमठ में निर्माण कार्य पूरी तरह से प्रतिबंधित हैं। उन्होंने बताया कि इस संबंध में जिलाधिकारी और स्थानीय अधिकारियों को पहले ही जानकारी दे दी गई है। उसके बावजूद भी अगर ऐसा कोई मामला सामने आता है, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।