पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन मामले में मंगलवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रमुख डॉ आर वी अशोकन को फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने उनके मीडिया में दिए बयान को लेकर कहा कि “आपने इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल क्यों किया? ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि आपने भी वही किया, जो दूसरे पक्ष ने किया। हम आपके हलफनामे से संतुष्ट नहीं हैं।”
सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई
कोर्ट में मौजूद IMA अध्यक्ष ने अपने इंटरव्यू को लेकर सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगी, जिसे कोर्ट ने ठुकराते हुए कहा कि “आपने पब्लिक में माफी क्यों नहीं मांगी। आपने पेपर में माफीनामा क्यों नहीं छपवाया? आप एक जिम्मेदार व्यक्ति हैं। आपको जवाब देना होगा। आपने दो हफ्ते में कुछ नहीं किया।”
कोर्ट की अवमानना का मुकदमा चलेगा या नहीं, इस पर फैसला सुरक्षित
कोर्ट ने योग गुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को अगले आदेश तक पेशी से छूट दे दी है। हालांकि, रामदेव और बालकृष्ण पर कोर्ट की अवमानना का मुकदमा चलेगा या नहीं, इस पर सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।
जवाब दाखिल करने के लिए दिया तीन हफ्ते का समय
सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि को ये बताने को कहा है कि जिन दवाओं के लाइसेंस निरस्त किए गए हैं, उन्हें दुकान पर बेचने से रोकने और उनको वापस लेने को लेकर उनकी तरफ से क्या कदम उठाए गए, इसे लेकर जवाब दाखिल करने के लिए तीन हफ्ते का समय दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि “मकसद इतना है कि लोग सतर्क रहें। रामदेव में लोगों की आस्था है। दुनिया में योग को लेकर जो बढ़ावा मिला है, उसमें एक योगदान बाबा रामदेव का भी है।” इसके बाद बाबा रामदेव ने सुप्रीम कोर्ट की बेंच को धन्यवाद किया, जिसे बेंच ने धन्यवाद करके स्वीकार किया।