मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मामले को लेकर दाखिल 18 मुकदमों पर गुरुवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई। सुनवाई पूरी नहीं होने पर न्यायालय ने अगली सुनवाई के लिए 7 मई की तारीख दी है। बताते चलें कि यह आदेश न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन ने दिया है।
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श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मामले को लेकर दाखिल 18 मामलों पर गुरुवार को उच्च न्यायालय में बहस हुई। हिंदू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, एके मालवीय, सतवीर सिंह और बीनू सिंह मौजूद रहे। वहीं मुस्लिम पक्ष की ओर से अधिवक्ता तस्लीम अहमदी ने बहस की। इस मामले में अगली सुनवाई 7 मई को होगी। बहस के दौरान हिंदू पक्ष ने कहा कि न्यायालय में प्राचीन साक्ष्य हिंदू पक्ष जमा कर चुका है। मुस्लिम पक्ष ने भी अपने जवाब में कहा कि वर्शिप 1991 में 7 रूल 11 और लिमिटेशन एक्ट के अनुसार यह मामला चलने योग नहीं है।
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हिंदू पक्ष ने भी अपनी दलील में कहा कि यह जमीन पर अतिक्रमण हुआ था और इस स्थान पर पहले भी कई बार केस चल चुके हैं, इसलिए इस जमीन और इस स्थान पर वर्शिप एक्ट 1991 लागू नहीं होता है, इस स्थान पर हमेशा से मुगल शासको ने कई बार आक्रमण किया था और कई बार हिंदू राजाओं ने हिंदू मंदिर को बनाया था। यह स्थान मुस्लिम शासकों के निशाने पर रहा है, ज्ञानव्यापी पर भी यही मामला हुआ था। यहां पर भी मुगल शासकों द्वारा अवैध कब्जा किया गया था। हिंदू पक्ष ने ज्ञानव्यापी को आधार बनाते हुए न्यायालय से गुहार लगाई थी कि यहां पर भी यह मुकदमा चलने योग्य है और सर्वे का आर्डर होना चाहिए।