नई दिल्ली- दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस के 6 नेताओं को भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अमित शाह के ‘फर्जी वीडियो’ को प्रचारित करने के मामले में नोटिस भेजा है। CRPC की धारा 91 के तहत इनसे मामले में स्पष्टीकरण मांगा गया है। बता दें कि भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह के धार्मिक आरक्षण को समाप्त किए जाने के एक वीडियो से छेड़छाड़ की गई। इस वीडियो को एडिट कर कुछ इस तरह से पेश किया गया कि वे कह रहे हैं जातिगत आरक्षण समाप्त कर दिया जाएगा।
वहीं भाजपा और RSS के नेताओं की ओर से स्पष्ट कहा गया कि जातिगत आरक्षण बना रहेगा। मामले के बाद इसी वीडियो को लेकर दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। इस संबंध में तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी को भी नोटिस भेजा है। वे चुनाव प्रचार में हैं इसलिए पुलिस ने मेल के माध्यम से उन्हें नोटिस भेजा है। कांग्रेस नेता रेवंत रेड्डी इस समय कर्नाटक में चुनावी प्रचार कर रहे हैं।
एक रैली में उन्होंने अमित शाह पर आरोप लगाया कि वे सोशल मीडिया पर भाजपा से सवाल पूछने वालों को नोटिस जारी कर रहे हैं। इससे पहले एक सोशल मीडिया में उन्होंने कहा था कि भाजपा ने ST, SC और OBC के आरक्षण को खत्म करने के लिए संविधान के खिलाफ अंतिम युद्ध की घोषणा की है। भाजपा के सोशल मीडिया प्रभारी अमित मालवीय ने सोशल मीडिया में कहा था कि तेलंगाना कांग्रेस ने एक वीडियो के साथ छेड़छाड़ उसे फैला रही है, जो पूरी तरह से फर्जी है।
इससे बड़े पैमाने पर हिंसा होने की संभावना है। गृह मंत्री अमित शाह ने SC/ST और OBC की हिस्सेदारी कम करने के बाद धर्म के आधार पर मुसलमानों को दिए जाने वाले असंवैधानिक आरक्षण को हटाने की बात कही थी। इस फर्जी वीडियो को लाइक समेत कई कांग्रेस प्रवक्ताओं ने पोस्ट किया है। अब उन्हें कानूनी परिणामों के लिए तैयार रहना चाहिए।
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