गांधीनगर: गुजरात ATS ने मोहम्मद सकलेन नाम के लिए व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। यह पाकिस्तान के लिए जासूसी करता था। जामनगर निवासी मोहम्मद सकलेन पिछले कई महीनों से फरार चल रहा है। उस पर आरोप है कि उसने भारतीय सिम खरीदकर और उस नंबर से पाकिस्तान में व्हाट्सएप एक्टिवेट करवाया था। व्हाट्सएप्प का प्रयोग जम्मू कश्मीर में भारतीय सेना की जासूसी करने के लिए किया जा रहा था। इस घटना का खुलासा अक्टूबर 2023 में हुआ था।
घटना का खुलासा होने के बाद कुछ आरोपी पकड़े भी गए थे। लेकिन, मोहम्मद सकलेन फरार हो गया था। जिसे गुजरात एटीएस ने 28 अप्रैल 2024 को गिरफ्तार किया है। वह बीते 7 महीनों से लगातार अपनी लोकेशन बदल रहा था। जिसके चलते सुरक्षा एजेंसियों को काफी मेहनत करनी पड़ रही थी। जांच में अब तक यह बातें निकल कर सामने आई हैं कि पकड़ा गया आरोपी, भारतीय सेना के जवानों के फोन में मालवेयर वायरस भेजा जाता था। जिसके बाद सैनिकों के मोबाइल की गतिविधियों पर नजर रखी जाती थी। फिर संदिग्ध लिंक भेज कर उन मोबाइलों का डेटा हैक कर लिया जाता था और फिर यह गुप्त जानकारी पाकिस्तान भेजी जाती थी।
जब सुरक्षा एजेंसियों को इसकी भनक लगी तो जांच की गई। पता चला की यह नंबर मोहम्मद सकलेन के नाम से दर्ज है। जिसके बाद से ही उसकी खोज जारी थी। हालांकि वह 7 महीनों तक गुजरात एटीएस से बचता रहा। ATS की जांच में यह जानकारी निकल कर समाने आई है कि मोहम्मद सकलेन ने यह सिम अपने साथी असगर को दिया था।
वहीं, पाकिस्तान के एंबेसी में काम कर रहे एक व्यक्ति ने यह सिम कार्ड गुजरात के आणंद जिले के रहने वाले लाभशंकर महेश्वरी को दिया। लाभशंकर महेश्वरी पाकिस्तान का रहने वाला था। वह 1999 में वीजा के आधार पर भारत आया था। बाद में उसने 2005 में भारत की नागरिकता प्राप्त कर ली थी। हालांकि बाद में उसने पाकिस्तान जाने के लिए वीजा प्राप्त करने का आवेदन किया। वीजा को स्वीकृति होने में देरी हो रही थी।
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जिसके चलते उसने पाकिस्तान में रहने वाले अपने मौसी के भाई किशोर रामवाणी से बात की। उसने पाकिस्तानी एंबेसी में किसी व्यक्ति से सिफारिश की। जिसके बाद वीजा स्वीकार हो गया। बाद में लाभशंकर महेश्वरी अपनी पत्नी के साथ पाकिस्तान चला गया। फिर उसने अपनी बहन और भांजी के लिए पाकिस्तानी वीजा के लिए इसी व्यक्ति से संपर्क किया और उसने फिर वीजा स्वीकृत करवा लिया।