मैनपुरी: सपा का गढ़ मानी जाने वाली यूपी की मैनपुरी लोकसभा सीट इन दिनों चर्चाओं में है। यहां से सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपनी पत्नी डिंपल यादव को मैदान में उतारा है। वह वर्तमान में यहां से सांसद भी हैं। वहीं, भाजपा ने योगी सरकार में कैबिनट मंत्री जयवीर सिंह को मैनपुरी में कमल खिलाने की जिम्मेदारी दी है। ऐसे में मुकाबला कड़ा माना जा रहा है। भाजपा के पास मोदी और योगी जैसे स्टार प्रचारकों की फौज है।
जिसको देखते हुए सपा ने मैनपुरी में अपने पूरे कुनबे को उतार दिया है। सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव का पूरा परिवार मैनपुरी की सीट बचाने के लिए एक जुट हो गया है। पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव की बड़ी बेटी अदिति यादव ने प्रचार का जिम्मा संभाला था, अब डिंपल यादव की बहन पूनम रावत ने भी मैनपुरी में डेरा डाल दिया है।
पूनम रावत, डिंपल यादव की छोटी बहन हैं। अपनी बड़ी बहन को जिताने के लिए पूनम रावत मैनपुरी के गांव-गांव जा रही हैं और लोगों से सपा के पक्ष में वोट डालने की अपील कर रही हैं। बता दें कि पूनम रावत फौज में रह चुकी हैं। उनका कहना है कि परिवार के नाते हम यहां, अपनी बहन का सपोर्ट करने आए हैं। उन्होंने दावा किया कि डिंपल यादव की मैनपुरी से बड़े अंतर के साथ जीत होगी।
डिंपल को फिर से मैनपुरी से सांसद बनाने के लिए पूरा मुलायम परिवार एकजुट होकर प्रचार कर रहा है। अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल सिंह यहां डटे हुए हैं, इसके अलावा मुलायम परिवार के सदस्य धर्मेंद्र यादव, तेज प्रताप यादव, अदिति यादव सही कई लोग गांव-गांव और घर-घर जाकर लोगों से डिंपल यादव को जिताने की अपील कर रहे हैं।
वहीं, बात अगर मैनपुरी लोकसभा सीट के इतिहास की करें तो आजादी के बाद यहां पांच बार कांग्रेस के प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की। 1996 में पहली बार मैनपुरी से सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव चुनावी मैदान में उतरे और उन्होंने जीत दर्ज की। तब से लेकर आज तक यहां से सपा का प्रत्याशी ही चुनाव जीतता रहा है। यहां से समाजवादी कुनबा से मुलायम सिंह यादव, धर्मेंद्र यादव और डिंपल यादव ने जीत दर्ज की है।