Deoria News: यूपी के देवरिया लोकसभा सीट से भाजपा ने रमापति राम त्रिपाठी का टिकट काटकर शशांक मणि त्रिपाठी को अपना उम्मीदवार बनाया है। जो देवरिया के पूर्व सांसद लेफ्टिनेंट जनरल श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी के पुत्र है। शशांक मणि त्रिपाठी सामाजिक कार्यों से जुड़े होने के साथ पिछले करीब 10 वर्षों से भाजपा के साथ जुड़े हैं। शशांक ने वर्ष 2019 में भी भाजपा से टिकट के लिए दावेदारी की थी। अब वे पिता लेफ्टिनेंट जनरल श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी की राजनीतिक विरासत को संभालेंगे। बता दें देवरिया लोकसभा सीट पर भाजपा ने शशांक मणि त्रिपाठी को टिकट दिया है। इनका मुकाबला गठबंधन से कांग्रेस प्रत्याशी अखिलेश प्रताप सिंह से है। कांग्रेस प्रत्याशी अखिलेश प्रताप सिंह कांग्रेस के प्रवक्ता और दिग्गज नेताओं में से एक हैं।
वहीं बसपा ने अभी इस सीट पर अपने पत्ते नहीं खोले हैं। इस सीट पर शशांक जहां पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए आ रहे हैं। तो वहीं अखिलेश का जनाधार भी काफी मजबूत है। पार्टी ने उन्हें लेफ्टिनेंट जनरल श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी की राजनीतिक विरासत को संभालने का मौका दिया है। श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी देवरिया से 1996 व 1999 में भाजपा से सांसद रह चुके हैं। शशांक मणि त्रिपाठी ने IIT दिल्ली से बीटेक व आईएमडी लुसान से एमबीए की पढ़ाई की है। इसके पहले उन्होंने स्कूली शिक्षा लखनऊ के कॉल्विन तालुकदार कॉलेज से पूरी की। वे भारत अभियान केंद्रीय टोली के नीति प्रमुख हैं।
इनकी तीन पुस्तकें मिडिल ऑफ डॉयमंड इंडिया, भारत एक स्वार्णिम यात्रा और इंडिया काफी चर्चित हैं। वर्ष 2008 में शशांक मणि ने जागृति यात्रा की शुरूआत की। पैतृक गांव बरपार में जागृति उद्यम केंद्र पूर्वांचल की नींव रखी। इन्होंने बैतालपुर में कॉल सेंटर की स्थापना की। देवरिया जनपद के बरपार गांव के मूल निवासी शशांक मणि त्रिपाठी का पारिवारिक बैकग्राउंड काफी मजबूत है। इनके बाबा पंडित सूरत नारायण मणि त्रिपाठी उत्तर प्रदेश कैडर के IAS रहे हैं। वह कई जिलों के डीएम, काशी विद्यापीठ वाराणसी के वाइस चांसलर और गोरखपुर विश्वविद्यालय के संस्थापक भी रहे हैं।
वह विधान परिषद के सदस्य भी रहे हैं। शशांक मणि के पिता श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी भारतीय थल सेना में लेफ्टिनेंट जनरल रहे हैं। सेना से रिटायर होने के बाद उन्होंने भाजपा की सदस्यता ली। 1996 में देवरिया लोकसभा सीट से भाजपा के टिकट पर वे सांसद बने। देवरिया सीट पर पहली बार उन्होंने ही भाजपा को जीत दिलाई थी।
देवरिया में 28 लाख से अधिक है वोटर-
देवरिया की कुल जनसंख्या 28 लाख 18 हजार 561 है। जिनमें मतदाताओं की संख्या 17 लाख 35 हजार 574 है। इनमें से पुरूष मतदाता 9,50,812 महिला मतदाता 7,84,666 हैं। 96 अन्य मतदाता में इसमें शामिल हैं। यहां यदि जातिगत समीकरण की बात करें, तो ये सीट सवर्ण बाहुल्य सीट मानी जाती है। इसमें सर्वाधिक संख्या में ब्राह्मण 27 प्रतिशत हैं। अनुसूचित जाति के लोग 14 प्रतिशत, अल्पसंख्यक 12 प्रतिशत, यादव 8 प्रतिशत, वैश्य 8 प्रतिशत, सैंथवार 6 प्रतिशत, कुर्मी 5 प्रतिशत, क्षत्रिय 5 प्रतिशत, कायस्थ 4 प्रतिशत, राजभर 4 प्रतिशत, निषाद 3 प्रतिशत हैं।
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