Lucknow News- उत्तर प्रदेश सरकार ने 11 फरवरी को हुई
आरओ/एआरओ की प्रारंभिक परीक्षा को निरस्त कर दिया है। 6 महीने बाद दोबारा परीक्षा
करवाई जाएगी। इस मामले में बड़ा निर्णय लेते हुए उत्तर
प्रदेश लोक सेवा आयोग ने परीक्षा निरस्त कर दी है। मामले की जांच के लिए आयोग ने
कमेटी गठित की थी। साथ ही अभ्यर्थियों से भी सबूत मांगे गए थे। परीक्षा के बाद से
ही अभ्यर्थी आंदोलन कर रहे थे और परीक्षा को निरस्त कर नए सिरे से परीक्षा कराने
की मांग पर अड़े थे। बता दें कि समीक्षा अधिकारी
व सहायक समीक्षा अधिकारी की परीक्षा में पेपर लीक होने के आरोप लगे थे। परीक्षा
में पेपर लीक मामले को लेकर काफी विवाद और हंगामा हुआ था। इस परीक्षा में 1076004 अभ्यर्थियों ने आवेदन किए थे और 7 लाख परीक्षार्थी शामिल
हुए।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की
11 फरवरी को आयोजित
समीक्षा अधिकारी-सहायक समीक्षा अधिकारी परीक्षा को निरस्त करने का निर्देश दिया है।
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया है कि इस परीक्षा को आगामी 06 माह में पुनः कराई
जाए। परीक्षा लीक होने के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने
संज्ञान लिया था। जिसके बाद शनिवार को लोक सेवा आयोग द्वारा 11 फरवरी आयोजित की
गई परीक्षा की समीक्षा की। इस परीक्षा में कथित रूप से प्रश्न पत्र के कतिपय प्रश्नों
के सोशल मीडिया पर वायरल होने के शिकायतें मिली थीं। जिसके संबंध में शासन
द्वारा अभ्यर्थियों को परीक्षा को प्रभावित करने से संबंधित सबूत उपलब्ध कराने को
कहा गया था। जिसके बाद शासन को उपलब्ध कराए गये सबूतों तथा आयोग द्वारा उपलब्ध कराई
गई रिपोर्ट के बाद मुख्यमंत्री ने समीक्षा की और इसके बाद इस परीक्षा को निरस्त करने
का निर्देश जारी किया।
इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह निर्देश भी दिया
है कि इस प्रकार के आपराधिक कृत्य में सम्मिलित व्यक्तियों को चिन्हित किया जाए। उनके
खिलाफ कड़ी वैधानिक व दण्डात्मक कार्रवाई की जाए। सीएम के निर्देश के बाद परीक्षा
लीक मामले को उत्तर प्रदेश एसटीएफ को सौंप दिया गया है। एसटीएफ शीघ्रातिशीघ्र इसकी
विवेचना संपन्न करेगी तथा इस कृत्य में लिप्त सभी उत्तरदायी व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई
की जाएगी।