Prayagraj News- इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने स्थानीय निकाय
निदेशक नितिन बंसल व नगर विकास प्रमुख सचिव अमृत अभिजात को 28 अप्रैल 2023 के मामले में न्यायालय में हाजिर नही होने को लेकर नाराजगी जाहिर की है। न्यायालय ने कहा है कि क्यों न उन्हें अवमानना के आरोप
में दंडित किया जाए। इस मामले में हाईकोर्ट ने 8 अप्रैल को दोनों अधिकारियों को तलब किया है। यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश पाठक ने विनय कुमार सक्सेना की अवमानना
याचिका पर दिया है।
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विनय कुमार सक्सेना
की अवमानना याचिका को लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने स्थानीय निकाय निदेशक नितिन बंसल
व नगर विकास प्रमुख सचिव अमृत अभिजात के न्यायालय में हाजिर न होने के मामले में
नाराजगी जाहिर की है। इस मामले में न्यायालय ने दोनों अधिकारियों को आगामी माह की 8 अप्रैल को आदेश का पालन करने या स्पष्टीकरण के साथ
हाजिर होने का निर्देश दिया है।
बता दें कि याची विनय
कुमार सक्सेना बदायूं जिले के बीसलपुर नगर पालिका परिषद में अवर अभियंता पद से वर्ष
2020 में सेवानिवृत्त हुआ था।
उसकी नियुक्ति 7 मार्च 1995 से तदर्थ रूप में की गई थी। सेवा विनियमितीकरण
3 नवम्बर 2015 को किया गया। उन्होंने पेंशन लाभ पाने के लिए अपनी
तदर्थ सेवाओं को जोड़ने की मांग की। इस मामले में न्यायालय ने चार माह में दोनों
अधिकारियों को निर्णय लेने का आदेश दिया था, परन्तु अधिकारियों ने न्यायालय के
आदेश का पालन नहीं किया। उसके बाद उनके खिलाफ अवमानना याचिका दायर की गई। वहीं इस
मामले में शासकीय अधिवक्ता का कहना है कि आदेश के खिलाफ विशेष अपील दायर की गई है।
इस पर न्यायालय ने
कहा कि केवल अपील दाखिल करने से अपने आप आदेश स्थगित नहीं हो जाता है। आदेश पर रोक
लगने तक पालन किया जाना अनिवार्य है। इस पर न्यायालय ने आदेश का पालन एक माह में करने
या हाजिर होकर कारण बताने को निर्देश दिया है। साथ ही कहा कि क्यों न अवमानना के आरोप
में अधिकारियों को दंडित किया जाय।