बुधवार को प्रयागराज के जिला पंचायत प्रेक्षागृह में विश्व हिन्दू परिषद की ओर से ‘राम राज्य की उद्घोषणा-प्रण से प्राण प्रतिष्ठा का महापर्व’ पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस मौके पर विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय उपाध्यक्ष एवं श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चम्पत राय ने कहा कि श्रीराम का चिंतन और उनके व्यवहार को ध्यान में लाना, ऋषि मुनियों की सलाह, परस्पर प्रीति, सामाजिक व्यवस्था और अपने पूर्वजों के बनाए नियमों में पारदर्शिता व आत्मीयता लाना ही रामराज्य का आधार हो सकता है।
उन्होंने कहा कि ये एक सामाजिक चिंतन और सत्य, अहिंसा व त्याग का विषय है। ये प्रेम और सौहार्द स्थापित करने का भी विषय है। संगोष्ठी कार्यक्रम के दौरान चम्पत राय ने संघ के संस्थापक डॉ केशव बलिराम हेडगेवार के योगदान का भी जिक्र किया।
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अनैतिक कार्यों से रामराज्य की कल्पना नहीं की जा सकती : मिथिलेशनंदिनी शरण
विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए हनुमंत पीठ के महंत आचार्य मिथिलेशनंदिनी शरण ने कहा कि रामराज्य में चोरी व तस्करी नहीं होती थी, लोगों में परस्पर द्वेष की भावना नहीं थी। उन्होंने कहा कि हमारे समाज में कई ऐसे कार्य होते हैं जो अनैतिक हैं। इससे रामराज्य की कल्पना नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि राम राज्य का असर दूर-दूर तक दुनिया की सीमाओं तक दिखना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम जिस वातावरण में जी रहे हैं, हमारी अनुभूतियों में श्रीराम आ जाएं, तो समझो रामराज्य है। उन्होंने यह भी कहा कि रामराज्य त्रेता युग में है, कलियुग में नहीं।
श्रीराम भारत के आदर्श, विचार, प्रतिष्ठा और प्रभाव हैं – अपर महाधिवक्ता अशोक मेहता
हाईकोर्ट के अपर महाधिवक्ता अशोक मेहता ने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि क्षेत्र सर्वोच्च आदर्शों की प्राण प्रतिष्ठा है। श्री राम भारत के आदर्श, विचार, प्रतिष्ठा और प्रभाव हैं। राम हमारे ही नहीं बल्कि सबके हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सफलता ही सफलता है। भारत आगे बढ़ता जाएगा। ये स्वर्गीय अशोक सिंहल का स्वप्न था, जो अब साकार हो रहा है।
वहीं VHP काशी प्रांत अध्यक्ष केपी सिंह ने धन्यवाद देकर सभी का आभार व्यक्त किया एवं अतिथियों द्वारा विचारों का सार प्रस्तुत कर कार्यक्रम का समापन किया। इस अवसर पर संयोजक और ज्ञान गुण सागर वाहिनी के अध्यक्ष कुश श्रीवास्तव भी उपस्थित रहे।