पूरे विश्व में भारत एक ऐसा देश है जहां नदियों को पूजा जाता है। यहां छोटी-बड़ी लगभग 400 से ज्यादा नदियां बहती हैं। देश की प्रमुख नदियों में गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र, गोदावरी, नर्मदा और कावेरी शामिल हैं। इन नदियों से मिलकर कई सहायक नदियां भी बनती हैं। धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व होने के साथ-साथ ये नदियां हमारे जीवन के लिए भी काफी महत्वपूर्ण हैं। इन्हीं नदियों के संरक्षण को ध्यान में रखते हुए हर साल 14 मार्च को International Day Of Action For Rivers (नदियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई दिवस) मनाया जाता है।
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विश्वभर के लोग नदियों को लेकर रखते हैं अपनी-अपनी बात
इंटरनेशनल डे ऑफ एक्शन फॉर रिवर्स एक वैश्विक कार्यक्रम है, जो नदियों के महत्व और उनके सामने आने वाले खतरों से उन्हें बचाने के लिए लोगों को जागरूक करता है। ये दिन महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा और उन्हें पुनर्स्थापित करने के मकसद से कार्रवाई करने के लिए एक साथ आने का अवसर भी प्रदान करता है। नदियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई दिवस एकजुटता के लिए समर्पित दिन है। इस दिन विश्वभर के लोग एक साथ आकर नदियों के महत्व पर अपनी-अपनी बात रखते हैं।
दरअसल सभ्यताएं नदियों के आसपास ही विकसित हुईं और अब वे हमारे जीवन और इस पृथ्वी के लिए बेहद अहम हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ताजे पानी के पारिस्थितिक तंत्र इतने महत्वपूर्ण हैं और वे विश्व में सबसे ज्यादा खतरे में हैं। मीठे या ताजे पानी की प्रजातियों में 1970 के बाद से काफी गिरावट देखी गई है। इसके अलावा पूरी दुनिया में हर दिन करीब 20 लाख टन सीवेज, औद्योगिक और कृषि अपशिष्ट पानी में छोड़े जाते हैं।
गंगा जल का वैज्ञानिक महत्व
वैज्ञानिकों के अनुसार, गंगा नदी के पानी में बीमारी पैदा करने वाले ई कोलाई बैक्टीरिया को मारने की क्षमता होती है। गंगा का पानी जब हिमालय से आता है तो उसमें कई तरह के खनिज और जड़ी-बूटियों का असर होता है, जिसके कारण इसमें औषधीय गुण आ जाते हैं। गंगा जल में वातावरण से ऑक्सीजन सोखने की भी क्षमता होती है। गंगा नदी के पानी में गंधक भी पाया जाता है, जो इस जल को लंबे समय तक खराब नहीं होने देता। इसके अलावा गंगा जल से स्नान करने तथा गंगा जल को पीने से हैजा, प्लेग और मलेरिया जैसी बीमारियों के कीटाणु नष्ट हो जाते हैं।
इंटरनेशनल डे ऑफ एक्शन फॉर रिवर्स 2024 की थीम
नदियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई दिवस 2024 की थीम ‘Water for All’ (सबके लिए पानी) है। इससे पहले 2023 की थीम ‘नदियों का अधिकार’ (Rights of Rivers) रखी गई थी।
इंटरनेशनल डे ऑफ एक्शन फॉर रिवर्स का इतिहास
अंतर्राष्ट्रीय नदी संगठन के अनुसार, मार्च 1997 में ब्राजील के कूर्टिबा में बांधों से प्रभावित लोगों की पहली अंतर्राष्ट्रीय बैठक ने नदियों, जल और जीवन के लिए कार्रवाई के अंतर्राष्ट्रीय दिवस को मंजूरी दी थी। 20 देशों के नदी विशेषज्ञों द्वारा 14 मार्च को इंटरनेशनल डे ऑफ एक्शन फॉर रिवर्स घोषित किया गया था। इसका उद्देश्य नदियों, जल के अन्य निकायों और पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील वाटरशेड क्षेत्रों के क्षरण के खिलाफ एकजुट होना था।