पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति ने ‘एक देश एक चुनाव’ को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर उन्हें रिपोर्ट सौंपी। इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे। 18,626 पेज की इस रिपोर्ट के लिए 2 सितंबर 2023 को समिति का गठन किया गया था। इस समिति ने 191 दिनों तक विशेषज्ञों से चर्चा के बाद अपनी रिपोर्ट जमा की।
18,626 पेज की रिपोर्ट की खास बातें
इस रिपोर्ट में लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनाव कराने के लिए एकल यानि साझा मतदाता सूची तैयार करने की बात की गई है। वर्तमान समय में लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिए अलग मतदाता सूची तैयार की जाती है। वहीं, स्थानीय नगर निकाय और पंचायत चुनाव के लिए राज्य निर्वाचन आयोग की निगरानी में मतदाता सूची जारी होती है।
रिपोर्ट के पहले चरण में लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बारे में बताया गया है, जबकि दूसरे चरण में नगर पालिकाओं और पंचायतों को लोकसभा-विधानसभा के साथ ऐसे जोड़ने के लिए कहा गया है, ताकि निकाय के चुनावों को लोकसभा और विधानसभा चुनाव के 100 दिनों के भीतर करा लिया जाए।
रिपोर्ट में समिति ने एक साथ चुनाव कराने के लिए उपकरणों, कर्मचारियों और सुरक्षाबलों संबंधी जरूरतों के लिए पहले से योजना तैयार करने की सिफारिश की है। इसके साथ ही निर्वाचन आयोग,, लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनावों के लिए राज्य चुनाव अधिकारियों के परामर्श से एकल मतदाता सूची और मतदाता पहचान पत्र तैयार करेगा।
पहले होते थे एक साथ चुनाव
‘एक देश एक चुनाव’ का मतलब है कि देश में होने वाले सभी चुनाव एक साथ कराए जाएं। आपको बता दें कि देश की स्वतंत्रता के बाद कुछ सालों तक लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ-साथ ही होते रहे थे,, लेकिन बाद में समय से पहले विधानसभा भंग होने के कारण और सरकार गिरने की वजहों से ये परंपरा टूट गई।