Lucknow News– यूपी बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य आज
बुधवार को भी ठप रहा। बीते शानिवार से शिक्षक विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल
पर हैं। जिस वजह से प्रदेश के 259 केंद्रों पर कॉपियां का मूल्यांकन
काम नही किया जा रहा है। बता दें कि बोर्ड परीक्षाओं में करीब 55 लाख परीक्षार्थी शामिल हुए थे।
यह भी पढ़ें- Delhi Liquor Scam: दिल्ली और चंडीगढ़ सहित 20 स्थानों पर ED की छापेमारी, पंजाब के Excise कमिश्नर भी जांच के दायरे में
राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर
पांडेय ने बताया कि मांगो को लेकर महत्तवपूर्ण बैठक की जा रही है। सभी संगठनों की
सहमति के बाद मूल्यांकन को लेकर फैसला लिया जाएगा। प्रांतीय महामंत्री सत्य शंकर
मिश्र ने बताया कि बुधवार सुबह 11 बजे से बैठक की जा
रही है। प्रयागराज स्थित परिषद कार्यालय में संघ के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक चल
रही है, जिसके बाद मूल्यांकन को लेकर निर्णय लिया जाएगा। प्रांतीय महामंत्री का कहना
है कि मांगें स्वीकार की गईं, तो मूल्यांकन कार्य शुरु होगा। ऐसा नही होने पर शिक्षक
संगठनों की सहमति से बहिष्कार जारी रहेगा।
वहीं राजकीय शिक्षक संघ के शिक्षक धर्मेंद्र की हत्या
के बाद उनके परिवार को असाधारण पेंशन दिलाने की मांग को शासन ने स्वीकृति दे दी है।
बता दें कि विशेष सचिव आलोक कुमार ने निर्देश जारी कर दिए हैं कि शिक्षक धर्मेंद्र
के परिवार को उनकी 10 साल की बची हुई सर्विस के समय के वेतन का आकलन कर
उसका 33 फीसदी पेंशन के रुप में मिलेगा। उप्र माध्यमिक शिक्षक
संघ के सोहनलाल वर्मा ने बताया कि 5 सूत्रीय मांग-पत्र शासन को सौंपा
गया था। जिसमें से 2 मांगे मानी गई हैं। 3 मांगों को लेकर अभी भी संशय बना हुआ है।
3 करोड़ कॉपियों के मूल्यांकन को 1 लाख 47 हजार से
ज्यादा परीक्षक
जानकारी के अनुसार 16 मार्च से 259 केन्द्रों पर मूल्यांकन कार्य शुरु हुआ था। जिसके
अन्तर्गत लखनऊ में 6 लाख बोर्ड की कॉपियों का मूल्यांकन और प्रदेश के
विभिन्न जनपदों में 3.1 करोड़ कॉपियां का मूल्यांकन होना था। बोर्ड परीक्षाओं
में हाईस्कूल के 29 लाख 47 हजार 3 सौ 11 और इंटर में 25 लाख 77 हजार 9 सौ 97 समेत कुल 55 लाख 25 हजार 3 सौ 8 परीक्षार्थी बैठे थे। हाईस्कूल की 1.76 करोड़ उत्तर पुस्तिकाओं के
मूल्यांकन के लिए 94 हजार 8 सौ 2 परीक्षकों की नियुक्ति की गई थी, वहीं इंटरमीडिएट की 1.25 कॉपियों के मूल्यांकन के लिए 52 हजार 2 सौ 95 परीक्षकों की नियुक्ति की गई थी। कुल 3.01 करोड़ उत्तर पुस्तिकाओं के लिए 1 लाख 47 हजार 97 परीक्षकों को तैनात किया गया था।
बताते चलें कि 23 मार्च तक पूरे प्रदेश में 83.46 प्रतिशत काफियों के
मूल्यांकन का काम पूरा हो चुका है। अभी 16.54 प्रतिशत कॉपियों का मूल्यांकन होना बाकी है। 10 अप्रैल तक यूपी बोर्ड परीक्षा का परिणाम आना था। अब इसमें सप्ताह भर की देरी
होने का अनुमान है।