मऊ: मऊ निवासी मन्ना सिंह और उसके गनर की बदमाशों ने 2009 में दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी थी। उस दौरान मन्ना सिंह जिले के नामी ठेकेदारों में से एक माने जाते थे। मन्ना सिंह की हत्या के बाद उनके परिजनों ने माफिया मुख्तार अंसारी समेत कई लोगों पर हत्या का मामला दर्ज कराया था। तब से लेकर आज तक मन्ना सिंह के पुत्र विकास सिंह अपने पिता की हत्या करने वालों को सजा दिलाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे थे। जब 28 मार्च गुरुवार को माफिया मुख्तार अंसारी की मौत की खबर आई, तब मन्ना सिंह के परिजनों की आंखों से खुशी के आंसू निकल पड़े। मन्ना सिंह की पत्नी ने हत्या के 14 वर्षों बाद उनके चित्र पर माला चढ़ाई।
बता दें कि 29 अगस्त 2009 को मऊ नगर कोतवाली क्षेत्र में मन्ना सिंह और उनके गनर राजेश राय की मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी। मन्ना सिंह की हत्या के बाद उनके भाई हरेंद्र सिंह ने थाने में उस समय मऊ सदर विधायक मुख्तार अंसारी व उसके साथियों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया था। जिसके बाद मामले की प्रारंभ हुई। इसी दौरान 19 मार्च 2010 को हत्याकांड के गवाह रामसिंह मौर्य की हत्या कर दी गई। रामसिंह मौर्य के साथ उनकी सुरक्षा में तैनात कॉन्स्टेबल सतीश की भी हत्या कर दी गई थी।
हालांकि, इस मामले में मुख्तार अंसारी सहित 8 आरोपी बरी हो गए थे। वहीं 3 आरोपियों को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। अब जब बांदा मेडिकल कॉलेज से माफिया के मौत की खबर आई है तो मन्ना सिंह के परिजनों की आखों से खुशी के आंसू झलक पड़े।
मन्ना सिंह की पत्नी ने रोते हुए कहा कि आज मुझे शांति मिली है। मेरे पति की आत्मा को भी शांति मिली होगी। उन्होंने कहा की मुझे भगवान पर पूरा भरोसा था कि न्याय मिलेगा। आज भगवान ने सुन लिया। मन्ना सिंह की पत्नी ने कहा कि जब मेरे पति की हत्या हुई थी, उस समय मेरे बच्चे छोटे थे। बच्चे जब स्कूल जाते थे तो चिंता लगी रहती थी। जब तक वह घर नहीं पहुंच जाते थे, तब तक मन नहीं लगता था। उन्होंने बताया कि मेरे पति बहादुर थे, वह माफिया से डरते नहीं थे, इसीलिए उनकी हत्या करवा दी गई थी।