Mathura
News- वृन्दावन के रंगनाथ जी मन्दिर के ब्रह्मोत्सव पर भगवान रंगनाथ की रथयात्रा
निकाली गई। भगवान रंगनाथ का रथ खींचने की भक्तों में होड़ मच गई। जिसे रथ खींचने का
मौका मिला, वह धन्य हो गया।
जिसे नहीं मिला उसने दूर से ही भगवान रंगनाथ को प्रणाम कर स्वयं को धन्य किया।
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मथुरा नगरी में मंगलवार को भगवान
रंगनाथ की रथयात्रा निकालने की शुरुआत से पहले भगवान को रथ में विराजमान किया गया। इसके बाद
मंदिर के पुरोहित ने रथ का पूजन कराया। वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हुई इस पूजा में
नवग्रह पूजन और सभी देवताओं का पूजन किया गया। इस पूजा
में करीब 40 मिनट का समय लगा। इसके बाद रथ यात्रा शुरु
होने से पहले रथ के चारों पहियों के नीचे पैठे का फल रखा और उसकी पूजा की गई।
रथयात्रा के अवसर पर रंगनाथ जी मन्दिर के बाहर मेला सा लग गया।
अति आकर्षक रुप से सजाए रथ पर विराजमान भगवान रंगनाथ की रथ चलने के पहले वैदिक मंत्रों
एवं शंखध्वनि के बीच आरती उतारी गई और उसके बाद देश-विदेश के श्रद्धालुओं के द्वारा
रथ खींचना शुरु हुआ। भगवान रंगनाथ के जयकारों के साथ रथ धीरे-धीरे रंग जी के बगीचे
के लिए रवाना हुआ तथा कई घंटे के बाद रंग जी बगीचा पहुंचा। जहां पर कुछ घंटे भगवान
को विश्राम देने के बाद रथ पुनः रंग जी मन्दिर के मुख्य द्वारा पर पहुंचा।
मन्दिर की सीईओ अनघा श्रीनिवासन ने बताया कि यह रथ मन्दिर में
चल रहे ब्रम्होत्सव के अंतर्गत सातवें दिन निकाला गया था। ब्रह्मोत्सव समापन भगवान
रंगनाथ को पुष्पक विमान में विराजमान कर उसे रंग जी बगीचे तक लाने और फिर मन्दिर वापस
ले जाने से होगा। उन्होंने बताया कि यह मन्दिर का 176वां ब्रह्मोत्सव मना रहा है। ये रथ भी इतना ही पुराना
है और यह चन्दन की लकड़ी का बना हुआ है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेष कुमार पाण्डे ने
बताया कि रथ को खींचने के लिए भारी भीड़ को नियंत्रित करने में पुलिस को आज काफी मशक्कत
करनी पड़ी। उन्होंने बताया कि तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ होने के बावजूद कहीं से किसी
प्रकार की अप्रिय घटना नहीं घटी।