नई दिल्ली: इन दिनों आईपीएल में अपनी रफ्तार भरी गेंदबाजी से कहर मचाने वाले स्पीड किंग मयंक यादव सुर्खियों में हैं। हर कोई उनकी गेंदबाजी का कायल हो रहा है। जब वह मैदान में बॉलिंग करने के लिए दौड़ते हैं,तो ऐसा लगता है मानो कोई शेर अपने शिकार को पकड़ने के लिए जा रहा हो। लखनऊ सुपर जायंट्स टीम से खेल रहे मयंक यादव का यह पहला IPL सीजन है। मयंक भगवान कृष्ण के अनन्य भक्त हैं। उनका मानना है कि आज वह जिस भी मुकाम पर हैं,उसके पीछे उनके माता पिता का आशीर्वाद और भगवान कृष्ण की कृपा है।
मयंक ने अब तक आईपीएल के मात्र दो मैच खेले हैं। लेकिन,इन दोनों मैंचों में उनकी गेंद आग उगल रही थी। बड़े-बड़े बल्लेबाज उनकी रफ्तार भरी गेंदों के सामने घुटने टेकने के लिए मजबूर दिखे। मयंक ने अपना पहला मैच पंजाब किंग्स के खिलाफ खेला। जिसमें उन्होंने 4 ओवर में 27 रन देकर 3 विकेट लिए। वहीं, अपने IPL करियर की दूसरा मैच मयंक ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के खिलाफ खेला। जिसमें उन्होंने 4 ओवर में 14 रन देकर 3 विकेट झटके।
दो मैच में 6 विकेट और बेहतर इकोनॉमी के अलावा मयंक यादव की बॉलिंग करने की गति आईपीएल के इतिहास में सबसे अधिक है। उन्होंने आरसीबी के खिलाफ मैच खेलते हुए 156.7 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद फेंकी। इसके पहले उन्होंने पंजाब किंग्स के खिलाफ 155.8 किमी/घंटा की रफ्तार से गेंद डाली थी। मयंक की रफ्तार भरी गेंदबाजी के सामने कैमरन ग्रीन जैसे दिग्गज बल्लेबाज टिक नहीं पाए। ऑस्ट्रेलिया के जिन बल्लेबाजों को तेज गेंदबाजी खेलने का स्पेशलिस्ट माना जाता है, वे भी मयंक यादव की तूफानी गेंदबाजी के सामने पानी भरते दिखे।
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माना जा रहा है कि मयंक यादव की तूफानी गेंदबाजी को देखते हुए,उन्हें भारतीय टीम में जगह मिल सकती है। नई दिल्ली में जन्मे 21 साल के मयंक यादव को बचपन से ही क्रिकेट खेलने के शौक था। मयंक के पिता प्रभु यादव ने मीडिया को दिए गए इंटरव्यू में बताया कि वह सड़क पर बच्चों के साथ क्रिकेट खेला करते थे। जिसको देखते हुए उन्होंने मयंक को क्रिकेट एकेडमी में एडमिशन दिलाया।मयंक की मां ममता ने बताया कि वह भगवान कृष्ण का भक्त है। इसीलिए वह 2 साल पहले ही शाकाहारी बन गया था। उन्हें पूरी उम्मीद है कि वह एक दिन भारतीय टीम की तरफ से जरूर खेलेगा।