इस्लामाबाद: ईद के दिन बलोच समुदाय ने पाकिस्तानी सेना द्वारा किए जा रहे अत्याचारों के खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शन किया। बलोच समुदाय के लोगों ने ईद ना मामने का निर्णय लेते हुए सेना द्वारा अगवा किए गए लोगों को छोड़ने की मांग की। इस कड़ी में पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद, पंजाब प्रांत, लाहौर, क्वेटा, कराची सहित पाकिस्तान के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन किया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रदर्शन का नेतृत्व बलोच छात्र परिषद ने किया। इस छात्र संगठन ने स्कूलों एवं कॉलेजों से छात्रों के जबरन उठाने और नस्लीय भेदभाव के खिलाफ इस्लामाबाद सहित कई शहरों में प्रदर्शन किया। छात्र संगठन ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि आज, ईद के अवसर पर, बलूच छात्र परिषद इस्लामाबाद ने पंजाब और इस्लामाबाद के विश्वविद्यालयों और संस्थानों में बलूच छात्रों के जबरन गायब होने, व्यवस्थित उत्पीड़न, नस्लीय प्रोफाइलिंग और निगरानी के खिलाफ एक विरोध रैली का आयोजन किया है। ऐसी परिस्थितियों में, बलूच छात्रों को गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उनके शैक्षणिक करियर पर असर पड़ रहा है और बड़ी संख्या में छात्र अपनी पढ़ाई छोड़कर बलूचिस्तान लौट रहे हैं।’
पोस्ट में आगे लिखा गया है कि हाल के वर्षों में, प्रोफाइलिंग और उत्पीड़न के मामलों के परिणामस्वरूप जबरन गायब कर दिया गया है।
बीएससी, इस्लामाबाद का निरंतर संघर्ष बलूच छात्रों के बुनियादी अधिकारों की रक्षा करना और एक महीने से अधिक समय से शांतिपूर्ण अभियान और धरना शिविर का नेतृत्व करना है। फिर भी, फ़िरोज़, अहमद खान और एक हजार अन्य लोग राज्य की यातना कक्षों में हैं।
हम बलूच छात्रों की सुरक्षा को लेकर गंभीर रूप से चिंतित हैं।
छात्र संगठन ने आगे मांग की कि राज्य उनकी राजनीतिक भूमिका पर अंकुश लगाने और उन्हें शांतिपूर्ण शैक्षिक वातावरण से अलग करने के लिए इन युक्तियों को लागू करता है। हम अहमद खान, फ़िरोज़ बलूच और अन्य बलूच छात्रों की सुरक्षित बरामदगी की मांग करते हैं जिनका पता अज्ञात है और अवैध रूप से राज्य की कालकोठरियों में रखा गया है।